बुनकरों को प्रोत्साहित करना आर्थिक विकास में सहायक : मीरा मुंडा
विशेष संवाददाता
रांची। बुनकरों और हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहित करने और उन्हें हर संभव सहयोग करने से आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। झारखंड में सिल्क उत्पादन, सिल्क वस्त्र निर्माण की काफी संभावनाएं हैं। जरूरत है सिल्क उत्पादन के क्षेत्र से जुड़े बुनकरों को समुचित सहयोग करने व उन्हें प्रशिक्षित करने की।
उक्त बातें केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा की धर्मपत्नी मीरा मुंडा ने सोमवार को होटल रेडिसन ब्लू में द इंडियन स्टोर के सौजन्य से आयोजित क्लासिल्क प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर कही। श्रीमती मुंडा ने कहा कि सिल्क के उत्पादन और सिल्क वस्त्र निर्माण से जुड़े बुनकरों, हस्तशिल्पियों और लघु उद्यमियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। झारखंड में उत्पादित तसर और कुचाई सिल्क की दुनिया के कई देशों में अच्छी मांग है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के उद्यमियों की ओर से सिल्क उत्पादन और सिल्क निर्माण से जुड़े लोगों को एक मंच प्रदान कर उनके सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाया जाना सराहनीय प्रयास है।
- हस्तशिल्पियों को एक मंच प्रदान कर उन्हें सशक्त करना मुख्य उद्देश्य : नंदिनी गुप्ता
रैडिसन ब्लू, रांची में द इंडियन स्टोर (एक आउटलेट) के सौजन्य से विशेष हस्तशिल्प उत्पादों की प्रदर्शनी “क्लासिल्क एक्सपो” का आयोजन 12 से 18 सितंबर तक किया जा रहा है।
क्लासिल्क एक्सपो के उद्घाटन के पूर्व जगमोहन लाल गुप्ता प्राइवेट लिमिटेड की कार्यपालक निदेशक नंदिनी गुप्ता ने प्रेस वार्ता में पत्रकारों को बताया कि
‘क्लासिल्क एक्सपो’ भारत भर के बुनकरों को एक मंच प्रदान करने के लिए एक प्रदर्शनी है। जो रेशम और खादी दोनों में कपड़े और वस्त्रों की किस्मों को प्रदर्शित करेगा। बिहार के भागलपुरी टसर, कोसा और खादी रेशम, उत्तर प्रदेश के बनारसी रेशम, चंदरी और गुजरात, पश्चिम बंगाल से माहेश्वरी सिल्क, पटोला, बंधिनी और कच्छ कढ़ाई बालूचरी, कांथा, तंमल और आमदानी, छत्तीसगढ़ कोसा सिल्क, असम के मोंगा रेशम, कर्नाटक में बैंगलोर सिल्क और कांजीवरम और बहुत कुछ एक्सपो में पेश करेगी।
उन्होंने बताया कि रेशम क्षेत्र में लगे बुनकरों और श्रमिकों को सशक्त बनाने के लिए ‘क्लासिल्क एक्सपो’ का आयोजन किया जा रहा है। रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इंडियन स्टोर यह पहल कर रहा है। हम पारंपरिक शिल्प और करधे के काम के समकालीन संस्करणों को बढ़ावा देते हैं। भारत के गांवों के बुनकरों और शिल्पकारों से सीधे उत्पाद खरीदते हैं।
रैडिसन ब्लू रांची में इंडियन स्टोर ने रांची के लोगों के लिए एक छत के नीचे बुनकरों और शिल्पकारों के उत्पाद का अनुभव करने के लिए ‘क्लासिल्क एक्सपो का आयोजन किया है। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में विभिन्न राज्यों के 30 स्टॉल लगाए गए हैं। इसमें झारखंड राज्य के हस्तशिल्पियों और बुनकरों के 8 स्टाॅल शामिल हैं। झारखंड के बुनकरों को स्टॉल लगाने के लिए विशेष रियायत भी दी गई है।
उन्होंने कहा कि क्लासिल्क एक्सपो में भारतीय रेशम उद्योग की समृद्ध विरासत का अनुभव कर सकेंगे।
प्रेस वार्ता में द इंडियन स्टोर की निदेशक अनुराधा गुप्ता व आदित्य गुप्ता सहित अन्य मौजूद थे।