विशेष संवाददाता रांची। झारखंड राज्य भौतिक चिकित्सा (फिजियोथेरेपी) परिषद का गठन राज्य सरकार द्वारा कर दिया गया है। इसके प्रथम अध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन बनाए गए हैं। जबकि उपाध्यक्ष पद पर डॉ. अभय कुमार पांडे का मनोनयन किया गया है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभागीय अधिसूचना संख्या 111(10) दिनांक 04.05.2022 द्वारा राज्यंतर्गत झारखंड राज्य भौतिक चिकित्सा (फिजियोथेरेपी) परिषद् के गठन की अधिसूचना जारी कर दी गई। इसके उपरांत नामित सदस्यों द्वारा झारखंड राज्य भौतिक चिकित्सा (फिजियोथेरेपी) परिषद् अधिनियम 2020 के प्रावधानों के तहत दिनांक 17.05.2022 को सम्पन्न परिषद की बैठक में डॉ राजीव रंजन, फिजियोथेरेपिस्ट सर्व शिक्षा अभियान, ओरमांझी को परिषद के पहले अध्यक्ष एवं डॉ अभय कुमार पाण्डेय, फिजियोथेरेपिस्ट, सदर अस्पताल, रांची को परिषद के पहले उपाध्यक्ष के रुप में चयनित करने के निर्णय पर राज्य सरकार द्वारा सहमति दी गई। परिषद में निदेशक प्रमुख और निदेशक (चिकित्सा शिक्षा) पदेन सदस्य बनाए गए हैं। इसके अलावा परिषद के अन्य सदस्यों में डॉ.अजीत कुमार – अध्यक्ष, झारखण्ड (आईएपी) डॉ. देवेंद्र कुमार मुंडा, फिजियोथेरेपिस्ट, रिम्स, रांची, डॉ.राहुल कुमार फिजियोथेरेपी (शिक्षक) विनोबा भावे यूनिवर्सिटी, डॉ. मेराज नबी सिद्दीकी फिजियोथेरेपी (शिक्षक) विनोबा भावे यूनिवर्सिटी, प्रमोद कुमार दीपशिखा, रांची, उषा सिंह सचिव, लवण्या गृह निर्माण स्वावलंबी सहकारी समिति, जमशेदपुर, साहेब अली उपाध्यक्ष, आॅल इंडिया गद्दी समाज, मेन रोड रांची शामिल किए गए हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए परिषद के नव मनोनीत अध्यक्ष डॉ राजीव रंजन ने पत्रकारों को बताया कि परिषद के निबंधक के पद पर नियुक्ति हेतु परिषद द्वारा विज्ञापन प्रकाशित करके आवेदन की मांग की गई। आवेदनों को परिषद के प्रावधानों के तहत व परिषद के सदस्यों के सहमति एवं विभिन्न वस्तुपरक मानदंडों के आधार पर प्राप्त आवेदनों कि समीक्षा के उपरांत परिषद के अध्यक्ष की अध्यक्षता में गत दिनों हुई बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा हुई। इस बैठक में राज्य के स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख डॉ. कृष्ण कुमार, डॉ. एस के सिंह, निदेशक (चिकित्सा शिक्षा) सह हजारीबाग मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य समेत परिषद के अन्य गणमान्य सदस्यों ने हिस्सा लिया। बैठक में सर्वसम्मत से यह निर्णय लिया गया कि सुयोग्य एवं अनुभवी निबंधक की नियुक्ति की कार्रवाई पूर्ण करते हुए सहमति हेतु प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भेजा जाएगा।