- उद्यमशीलता के लिए छात्रों को दक्षता से लैस करना जरूरी : प्रो.ओआरएस राव
विशेष संवाददाता
रांची। इक्फाई विश्वविद्यालय, झारखंड में आयोजित अकादमिक परिषद की बैठक के दौरान विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों की संरचना और पाठ्यक्रम की समीक्षा की गई। इस क्रम में परिषद द्वारा विभिन्न अत्याधुनिक पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी गई, ताकि स्नातक छात्रों की रोजगार क्षमता को बढ़ाया जा सके।
अकादमिक परिषद की बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.ओआरएस राव ने कहा कि छात्रों को उद्योग के लिए आवश्यक दक्षता से लैस करने के लिए विश्वविद्यालय ने उद्योग क्षेत्र के वरिष्ठ प्रबंधकों को अपने सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित किया। हमारे बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठकों में हमारे पाठ्यक्रम “बीटेक-मैकेनिकल में, इलेक्ट्रिकल वाहनों पर बहुत अधिक ध्यान दिया जाएगा, जिसमें टाटा मोटर्स, मारुति, हुंडई, एमएंडएम जैसी प्रमुख ऑटोमोटिव कंपनियां अगले 4 वर्षों में लगभग 45,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी, जिससे नए स्नातकों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। कोयला खदानों के लाइसेंस के संबंध में सरकारी नीति के उदारीकरण के कारण खनन क्षेत्र उत्कृष्टता कैरियर के अवसर प्रदान करता है, जिसमें 2024 तक 500 नए कोयला ब्लॉकों की नीलामी होने की उम्मीद है। प्रो.राव ने कहा कि आईटी में नवीनतम विकास के साथ तालमेल रखने के लिए वर्तमान शैक्षणिक वर्ष से बीटेक कार्यक्रम में डेटा विज्ञान और एआई की एक नई शाखा की पेशकश कर रहे हैं।
डॉ. जीएल दत्ता, एकेडमिक काउंसिल के सदस्य और पूर्व डीन, आईआईटी, खड़गपुर ने कहा, “जैसा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 के बाद तेजी से ठीक हो रही है, विनिर्माण तेजी से बढ़ रहा है। उद्योग 4.0 को अपनाने के कारण, अगले 3-4 वर्षों में मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्नातकों के लिए आईओटी, स्वायत्त वाहन जैसे क्षेत्रों में रोमांचक प्रौद्योगिकी केंद्रित कैरियर के अवसर सामने आ रहे हैं। खुशी है कि इक्फ़ाई विश्वविद्यालय, झारखंड ने उद्योग 4.0 की जरूरतों के अनुरूप अपने पाठ्यक्रम को अपडेट किया है।
परिवर्तनों का विवरण देते हुए मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश प्रसाद ने कहा कि मैकेनिकल इंजीनियरों के लिए एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग और डेटा साइंस जैसे नवीनतम पाठ्यक्रम हमारे छात्रों को उद्योग 4.0 के अवसरों का उपयोग करने में मदद करेंगे।खनन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.मिथिलेश मिश्रा ने खनन में अपडेट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि नए पाठ्यक्रम में जीआईएस, रिमोट सेंसिंग, ड्रिलिंग और ब्लास्टिंग टेक्नोलॉजी, आईओटी और एआई जैसे प्रौद्योगिकी-सक्षम खनन पाठ्यक्रम शामिल किए जा रहे हैं।
बीटेक-सीएसई और डीएस एंड एआई में डीप लर्निंग, न्यूरल नेटवर्क्स माइनिंग, साइबर फोरेंसिक आदि जैसे पाठ्यक्रम पेश कर रहे हैं। डॉ.अभय सिन्हा, एचओडी, कंप्यूटर साइंस विभाग ने इस संबंध में जानकारी दी।
प्रेस को ब्रीफिंग करते हुए, रजिस्ट्रार प्रो.अरविंद कुमार ने कहा कि कोविड -19 की वर्तमान बदलती स्थिति को देखते हुए हम अपने डिजिटल लर्निंग सिस्टम, स्वाध्याय का उपयोग करके ब्लेंडिंग लर्निंग की पेशकश करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।