रांची आज विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय की ईद उल अजहा( बकरईद) के मद्देनजर एक बैठक उनके आवासीय कार्यालय में हुई। बैठक में देशभर में मनाए जाने वाली बकराईद जो ईसार व कुर्बानी हजरत इब्राहिम के त्याग और बलिदान को याद दिलाता है याद किया गया। हजरत इब्राहीम ने अल्लाह के हुक्म पर अपने प्यारे बेटे हजरत इस्माइल को कुर्बान करने का फैसला किया। अल्लाह को हजरत इब्राहीम की अदा इतनी पसंद आई कि रहती दुनिया तक इस सुन्नत को जिंदा करने के लिए मुसलमानों पर जरूरी करार दिया। मुसलमान 10 जुलाई को आपसी भाईचारा, मोहब्बत के साथ बकराईद मनाए। दूसरे मजहब के लोगों के जज्बात का भी ख्याल रखें और कोई ऐसा अमल न करें जिससे किसी दूसरे को तकलीफ पहुंचे। कुर्बानी का कोई वीडियो फोटो ना बनाएं और ना ही कुर्बानी के जानवर और गोश्त को सोशल मीडिया पर वायरल करें। जिला प्रशासन, नगर निगम साफ सफाई का ख्याल रखें। और वेस्टेज के उठाव के लिए पूरी व्यवस्था करें। बैठक में सुबोध कांत सहाय के साथ हाजी हलीमुद्दीन, खुर्शीद हसन रूमी, अकील उर रहमान, सैयद निहाल अहमद, सुनील सहाय, दीपक प्रसाद, पप्पू मिश्रा, अब्दुल खालिक, अब्दुल मन्नान, समेत कई लोग थे।