रोज़ेदार को इफ्तार कराना स्वाब: मो असलम

रांची: अमन यूथ सोसाइटी के संरक्षक रांची के मकबूल समाजसेवी मोहम्मद असलम ने रोजा पर अपने पैगाम में कहा की रोज़ादार को इफ्तार कराना बहुत बड़ा सवाब है। उस से उसके गुनाह माफ़ हो जाते हैं और दोज़ख से आज़ादी(माफी)लिख दी जाती है। मोहम्मद असलम ने कहा की उलेमा से सुना है की हज़रत सलमान फारसी रज़ि अल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि हुजूरे अक्दस सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने माहे रमज़ान के फ़ज़ाइल में फरमाया कि जो रमज़ान में रोज़ादार को इफ्तार कराए तो गुनाहों से उसकी मगफिरत और दोज़ख से आज़ादी हो जाएगी और उसको भी उतना ही सवाब होगा। बगैर किसी नुक्सान के जितना उसको होगा। सहाबा ने अर्ज की या रसूलुल्लाह हम में से हर एक के पास इतना नहीं है कि रोज़ादार को इफ्तार कराए हुजूर ने फरमाया एक मुट्ठी खाना ही सही। फिर अर्ज़ की अगर उसके पास रोटी का लुक्मा भी न हो, हुजूर ने फरमाया कि पानी मिला हुआ दूध ही सही। फिर अर्ज की अगर वह भी न हो तो फरमाया कि पानी का एक घूट ही पिला देना।