रांची: मुकद्दस माह-ए-रमजान के साथ ही नमाज-ए-ईशा के बाद पढ़ी जाने वाले विशेष नमाज तरावीह मुकम्मल होने का सिलसिला शुरु हो गया है। घरों, फलाइट, सोसाइटी, कमयूनीटी हॉल में दस दिवसीय पढ़ी गई तरावीह की नमाज़ मुकम्मल हो गया है। इकरा मस्जिद मधुबन मार्केट स्थित मोहम्मद सईद के आवास पर दस दिवसीय तरावीह हाफिज मो. इरफान अहमद बरकाती ने मुकम्मल कराई। और मुफ्ती फैजुल्लाह मिस्बाही ने कुरान की तफसीर बयान किए। हज़रत मौलाना मुबीन रिजवी, हज़रत मौलाना मुफ्ती फैजुल्लाह मिस्बाही ने रमजान की रहमत, बरकत, फजीलत व अहमियत के बारे में बताया। कहा कि रमजान का महीना रहमत, बरकत व गुनाहों से निजात पाने का महीना है। ऐसे में इस महीने में सभी मोमिनों को रोजा रख कर इबादत करनी चाहिए। कहा कि अगर तरावीह मुकम्मल हो गई है तो इसका मतलब यह नहीं कि अब तरावीह न पढ़ी जाएं। तरावीह मुकम्मल होने के बावजूद भी उसे पढ़ते रहे। जितनी बार पढ़ेंगे उतना अधिक सवाब मिलेगा। नात नबी अब्दुल मुबीन नाजिश, मौलाना नसीम, मौलाना शेर मोहम्मद, तबारक अंजुम ने पढ़ी। प्रोग्राम की अध्यक्षता एम सईद के बड़े बेटे रांची पब्लिक स्कूल के सचिव मोहम्मद तौहीद ने की और संचालन मौलाना मुजीब उर रहमान ने किया। आए हुए सभी मेहमानों का स्वागत मो तौहीद ने मिठाई देकर, खाना खिलाकर और मुसाफा कर किया। अंत में मुफ्ती फैजुल्लाह मिस्बाही ने बारगाहे इलाही में दोनों हाथों को फैलाकर देश में अमन-चैन कायम रहे। झारखंड समेत देश भर से नफ़रत खत्म और मोहब्बत आम करने की दुआएं मांगी। इस मौके पर हाजी गुलाम रब्बानी, अकील उर रहमान, मेहजूद आलम, आफताब आलम, मो तौफीक, हुसैन, उजैर, मो मोइन,मो जुनैद, शमशाद, सरफाराज, आजाद, कारी अयूब रिजवी, मौलाना मनाज़िर हसन, मौलाना मुजीब, मौलाना मुख्तार आलम, मौलाना अब्दुलमुबीन, मौलाना नसीम अख्तर, मौलाना शेर मोहम्मद, अब्दुल मुबीन नाजिश, आरिफ, कारी जिया उल हक, कारी ताहिर, हाफिज अहमद, तबारक अंजुम, मौलाना वारिस जमाल कादरी, मौलाना शम्स तबरेज, असलम, बबलू आदि उपस्थित थे।