रांची, 15 दिसंबर
झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ द्वारा निदेशक झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद रांची को पत्र लिख कर उर्दू भाषा को भी क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल करने का आग्रह किया गया है. इस संदर्भ में संघ के प्रदेश महासचिव अमीन अहमद ने बताया कि झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ द्वारा पूर्व से ही उर्दू भाषा एवं लिपि को सरकारी स्तर पर उपेक्षित नहीं किये जाने का आग्रह किया जाता रहा है. परंतु झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा उर्दू भाषा की उपेक्षा लगातार की जाती रही है. वर्तमान में शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन भरा जाने वाला मानव संपदा (एचआरएमएस) के क्षेत्रीय भाषा की सूची में उर्दू को शामिल नहीं किया गया है. जिस कारण उर्दू के शिक्षक उर्दू भाषा का ज्ञाता होने के पश्चात भी क्षेत्रीय भाषा में उर्दू भाषा का चयन नहीं कर पा रहे हैं.
अमीन अहमद के मुताबिक संथाली, मुंडारी, हो, खड़िया, खोरठा, कुड़ुख, नागपुरी, ओड़िया, कुड़माली, मगही, भोजपुरी, बंगला भाषा को शामिल किया गया है. केवल उर्दू को अलग रखा गया है. इससे भेदभाव की भावना सामने आती है. इसलिए झारखंड शिक्षा परियोजना को इस पर संज्ञान लेना चाहिए. यदि उर्दू को शामिल नहीं किया जाता है तो फिर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव आदि से मिल कर इसकी शिकायत की जाएगी.