रांची: इमारत-ए-शरिया विहार, ओडिशा और झारखंड के आठवें अमीर-ए शरीयत का चुनाव कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को फुलवारीशरीफ के अलमहद कैंपस में सम्पन्न हुआ। बिहार, झारखंड, ओडिशा और बंगाल के 851 अरबाबे हल्लोओकद के सदस्यों ने वोटिंग में भाग लिया। इस पद के अमीर के लिए 5 उम्मीदवार का नाम पेश किया गया। तीन लोगों ने अपना नाम वापस लिया। जिनमे अंतरराष्ट्रीय स्तर के चर्चित इस्लामिक स्कॉलर हजरत मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी, शैखुल हदीस हजऱत अक़दस मुफ़्ती नज़र तौहीद, नायब अमीर शरीयत शमशाद रहमानी हैं। दो उम्मीदवार हजरत मौलाना फैसल वाली रहमानी और मौलाना अनिसुर रहमान के बीच चुनावी मुकाबला हुआ जिसमें मौलाना फैसल को 347 वोट और मौलाना अनिसुर रहमान को 197 वोट मिले। मौलाना फैसल वली रहमानी की जीत पर झारखंड, बिहार, उड़ीसा, बंगाल के कई उलेमा, बुद्धिजीवी समाजसेवी ने मुबारकबाद पेश की हैं।
कौन है फैसल रहमानी?
अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से आईटी करने के साथ इसी यूनिवर्सिटी में लेक्चरर भी बने. ऑपरेशन मैनेजमेंट के ओहदे पर रहते हुए दर्जनों आर्गेनाइजेशन में अहम भुमिका भी निभा चुके हैं.अहमद वली फैसल रहमानी एक प्रतिष्ठित अमेरिकी संस्थान के डायरेक्टर ऑफ स्ट्रेटजिक प्रोजेक्ट भी रह चुके है. इसके आलावा उन्होंने ओरेकल, एडोब, पैसिफिक गैस एंड इलेक्ट्रिक, ब्रिटिश पेट्रोलियम और डिजनी जैसी कंपनियों में विभिन्न जिम्मेदारियां निभाई हैं.पेशावराना और प्रबंधन की समझ उनकी बातों से ही झलकती है.इन्होंने इस्लामिक और अरबी की गहरी पकड़ मिस्र के कई इदारों से हासिल की है.
फैसल लम्बे वक्त तक अमेरिका की सरजमीं पर खिदमत करने के बाद, मुंगेर अपने पिता की विरासत और रियासत के उत्तराधिकारी तय हुए हैं. जो अरबी, अंग्रेजी की अच्छी समझ के साथ दीनी और दुनियावी तालीम दोनों में योग्यता रखते हैं.फैसल रहमानी की पहले खानकाह रहमानी के पांचवें सज्जादानशीं के तौर पर ताजपोशी हुई और अब अमीर ए शरीयत चुने गये हैं.