किसी भी हाल में लखनऊ की शान सुल्तानुल मदारिस को मिटने नही देंगे: इस्लामिक स्कॉलर मौलाना सैयद मूसवी रजा


हिंदुस्तान का वाहिद मदरसा है जिसने धर्म गुरु के इलावा इस देश को प्रोफ़ेसर,ऑफिसर, गर्वनर कई राज्य में दिए हैं

झारखण्ड में हक़ की आवाज कहे जाने वाले इस्लामिक स्कॉलर सैयद मूसवी रजा ने प्रेस को बताया की आज भाजपा और मेडिकल कॉलेज लखनऊ की साजिश को नाकाम करना ही हमारा लक्ष्य है क्यों की मैं खुद सुलतानुल मदारिस का छात्र रह चुका हों और जब खबर मिली की मदरसे को सरकार हटा कर मेडिकल कॉलेज को सौंपने वाली है रहा नही गया क्यों हिंदुस्तान का वाहिद मदरसा है जिसने धर्म गुरु के इलावा इस देश को प्रोफ़ेसर,ऑफिसर, गर्वनर कई राज्य में दिए हैं नजाने कितने छात्र हर साल उसी मदरसे से नेट और जी आर फ निकाल कर बैठे हैं और कितने देश की सेवा कर रहे हैं अपने अपने इलाके में बताता चलों की सुल्तानुल मदारिस जो लखनऊ के मेडिकल कॉलेज चौराहे पर स्थित है और इस शहर की पहचान है। पूर्व में भी इस पर कई हमले हुए इसको हटाने और मिटाने की कोशिश हुई लेकिन दुश्मन कामयाब नहीं हो सका। आज एक बार फिर सुल्तानुल मदारिस पर नजरे उठ गई हैं। कुछ भी कहने से पहले हम लोग जान लेते हैं कि सुल्तानुल मदारिस का इतिहास क्या है
सुल्तानुल मदारिस लखनऊ की शान है। शिया धर्म की एक पहचान है। छात्रों का एक शैक्षिक स्थल है और अनगिनत पूर्वजों की यादें इस इदारे से जुड़ी हुई हैं।
इसकी स्थापना वर्ष 1892 में अयातुल्लाह सैयद मुहम्मद अबुल हसन साहब ने की थी। पूरे मदरसे की इमारतों को अवध के एक परोपकारी नवाब मेहदी हसन खान साहब की देखरेख में बनाया गया था। 1911 में आधारशिला रखी गई थी और केंद्रीय हॉल का उद्घाटन आगरा और अवध के संयुक्त प्रांत के तत्कालीन लेफ्टिनेंट-गवर्नर सर जॉन प्रेस्कॉट हेवेट ने किया था।
सुल्तानुल मदारिस लखनऊ का दूसरा शिया धार्मिक स्कूल है। पहला मदरसा इमामिया था – जिसे अंग्रेजों ने बंद कर दिया था और तीसरा जामिया नाजमिया है। दौरे हाज़िर इसके अलावा कई मदरसे शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। मूसवी रजा ने बताया के
सुल्तानुल मदारिस से शिक्षा प्राप्त करने वाली प्रमुख हस्तियों में बड़े बड़े नाम शामिल हैं।
अयातुल्लाह सैय्यद अली नक़ी नकवी साहब।अयातुल्लाह अल-उज़मा सैयद राहत हुसैन रिज़वी साहब गोपालपुरी। अयातुल्लाह सैयद मोहसिन नवाब रिज़वी साहब मुजतहिद। मौलाना सैयद इब्ने हसन साहब नौनहरवी, प्रिंसिपल, मदरसतुल वाएज़ीन। ज़ियाउल मिल्लत मौलाना सैयद वसी मोहम्मद आबिदी साहब, प्राचार्य, वसीका अरबी कॉलेज, फैजाबाद। जफरुलमिल्लत अयातुल्ला सैयद जफरुल हसन साहब, प्राचार्य, जवादिया अरबी कॉलेज, बनारस। मौलाना हाफिज किफायत हुसैन साहब। हुज्जतुल इस्लाम हकीम मौलाना सैयद मजाहिर हुसैन रिजवी साहब कररारवी, इमाम ए जुमा महमूदाबाद सल्तनत, सीतापुर, अवध।
बाबा-ए-मंतिक मौलाना सैयद अब्दुल हुसैन साहब,
अल्लामा सैयद अली हैदर साहब(साहिब ए नफ़से रसूल)
मौलाना इब्ने हसन साहब करबलाई, कराची,
प्रो. सैय्यद नूरुल हसन साहब, पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल। प्रो. शबीहुल हसन साहब नौनहरवी, लखनऊ विश्वविद्यालय। प्रो. सैयद सुलेमान अब्बास रिज़वी, बी.एच.यू.। “आका-ए-शरीयत” मौलाना सैयद कल्बे आबिद साहब। मौलाना सैयद हसन रिज़वी साहब, कर्बला-ए-मोअल्ला, इराक। मोलवी इफ्तिखार हुसैन अंसारी साहब, अध्यक्ष ऑल जम्मू एंड कश्मीर शिया एसोसिएशन। मौलाना मुर्तुजा हुसैन “फाजिल लखनवी”, साहब लाहौर। डॉ सैयद कल्बे सादिक साहब। मौलाना सैयद लिताफत हुसैन साहब गोपालपुरी। मौलाना सैयद हसन नकवी साहब, लखनऊ। प्रो. इमरान रज़ा रिज़वी साहब। मौलाना सैयद मोहम्मद मेहदी साहब जैदपुरी। मौलाना मुहम्मद मुस्तफा जौहर साहब, अदीब, कराची। मौलाना अरिफुल मिल्लत मुफ्ती सैयद आरिफ हुसैन रिजवी साहब मुजतहिद, पूर्व प्राचार्य, सुल्तानुल मदारिस, खैरपुर। मौलाना सैयद मुहम्मद आदिल रिज़वी साहब (रिज़विया कराची)। अयातुल्लाह उल उज़मा “बकिर-उल-उलूम” मौलाना सैयद मोहम्मद बाकिर साहब। आयतुल्लाह “हादी-उल-मिल्लत” सैयद मोहम्मद हादी साहब। मौलाना सैयद मोहम्मद साहब, पूर्व प्राचार्य, सुल्तानुल मदारिस। मौलाना सैयद अली साहब, पूर्व प्राचार्य, सुल्तानुल मदारिस। मौलाना सैयद हुसैन साहब,जामिया सुल्तानिया। मौलाना सैयद अली हुसैन साए, व्याख्याता, जामिया सुल्तानिया। मौलाना अल्ताफ हैदर साहब, व्याख्याता, जामिया सुल्तानिया। खतीब-ए-अकबर मिर्जा मोहम्मद अतहर साहब (पूर्व प्राचार्य, शिया कॉलेज, लखनऊ)। मौलाना सैयद अबू इफ्तिखार जैदी साहब, इमाम-ए-जुमा, बुरुंडी। मौलाना आलिम हुसैन साहब, शायर अरबी। मौलाना खादिम हुसैन साहब। मौलाना सैयद रियाज़ अकबर आब्दी साहब बरहवी, मोम्बासा। मौलाना मोहम्मद हसन मरूफी साहब, इमाम-ए-जुमा, हुसैनी मिशन, हाउंस्लो, लंदन। मौलाना मोहम्मद जफर वाइज अंसारी साहब, बानी मदरसा ए जफरुल उलूम, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश।
यह है सुल्तान उल मदारिस का इतिहास। लिहाजा हम सब मिल कर इस मदरसे की हिफाजत करें दौरे हाज़िर के मुनाफिकों को भी इस गंदे मंसूबे में कामयाब नही होने दें