रातू रोड़ क़ब्रिस्तान में रविवार को 10 बजे सुपुर्द ए खाक किया जाएगा
रांची: आज दिनांक 8 अगस्त 2020 को झारखंड आंदोलनकारी, कार्टूनिस्ट, पत्रकार बशीर अहमद का निधन हो गया (इन्ना लीलाहे व इन्ना इलैहे राजीओंन)। मिट्टी मंज़िल 9 अगस्त को दिन के 10 बजे रातू रोड़ कब्रिस्तान में नमाज़ जनाजा अदा की जाएगी और वहीं सुपुर्द ए खाक किया जायेगा। ज्ञात हो की बशीर अहमद को शनिवार को हार्ट अटेक आया घर पर ही उन्होंने आखरी सांस ली। जैसे ही लोगो को पता चला कि झारखंड आंदोलनकारी बशीर अहमद का इंतेक़ाल हो गया तो लोग उनके घर की ओर हिंदपीढ़ी के तरफ चल दिये। रांची क्षेत्र से बाहर रहने वाले लोग भी लोकड़ोंन के कारण गाड़ी बुक करके पहुंचे। सभी लोगो ने उनसे अपने अच्छे रिश्ते को बयान करने लगे। कोई कहने लगा हम से बहुत अच्छा रिश्ता था। वह अपने पीछे भाई, बहन, 2 बेटा, 1 बेटी, नाती, पोता समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए। आखरी दीदार के लिए शामिल होने वालों में पत्रकार आदिल राशिद, सेंट्रल मुहर्रम कमिटि के महासचिव अकिलुर्रह्मान, अंजुमन इसलामिया के अध्यक्ष इबरार अहमद, अय्यूब राजा खान, आजसू नेता अशरफ खान चुन्नू, नदीम खान, हाजी उमर भाई, साजिद उमर, हाजी नवाब, सैयद नेहाल अहमद, पत्रकार सैयद शहरोज़ क़मर, मो नजीब, जमशेद अली उर्फ पप्पू गद्दी, पूर्व पार्षद मोहम्मद असलम, समाजसेवी फ़िरोज उर्फ रिंकु, मंजर मुजीबी, अब्दुल ख़ालिक़, विधायक कॉमरेड विनोद सिंह, हाजी मुख्तार, शाहिद अख्तर टुकलु, रांची पब्लिक स्कूल के सचिव मोहम्मद तौहीद, परवेज उमर, मो नकीब, मो नजीब, मोहम्मद फैजी, मुफ़्ती अब्दुल्ला अज़हर, मौलाना तल्हा नदवी, हाजी रऊफ गद्दी, मोहम्मद फ़ारूक़, इसके अलावा राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र से जुड़े कई गणमान्य लोग आखरी दीदार के लिए पहुंचे और सभी ने अपने अपने तरीके से संवेदना व्यक्त की।
कौन थे बशीर अहमद
अंजुमन इसलामिया रांची के अध्यक्ष इबरार अहमद ने बताया कि झारखंड के साहित्यकार, कलाकार थे बशीर अहमद। अपने आर्ट और कल्चर के द्वारा झारखंड को दर्शाया था। रांची के लोगो के लिए हमेशा लड़ाई लड़ा। अब इसका नुकसान की भरपाई नही हो सकता है। जितना ये मुस्लिम समाज मे लोकप्रिय थे उतना ही किरिस्चन समाज मे भी लोकप्रिय थे। आदिवासियों के लड़ाई भी इन्होंने लड़ा हैं।
आदिल रशीद