चादर पोशी कर राज्य की खुशहाली अमन व सलामती की दुआ मांगी
कमेटी के महासचिव मोहम्मद फारुक के आवास से निकला शाही संदल, चादर, हुआ कव्वाली का मुकाबला
रांची; झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास रविवार को डोरंडा स्थित हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार बाबा के दरबार में चादर पोशी करने पहुंचे। बाबा के सालाना पांच दिवसीय उर्स के चौथे दिन मुख्यमंत्री रघुवर दास के पहुंचने पर दरगाह कमेटी के लोगों ने फूल माला और गुलदस्ता देकर स्वागत किया। झारखंड में इन दिनों चुनावी दौर चल रहा है। मुख्यमंत्री रघुवर दास 18 नवंबर को जमशेदपुर से नामांकन करेंगे। नामांकन से 1 दिन पहले 17 नवंबर को मुख्यमंत्री ने बाबा से आशीर्वाद लेने के लिए बाबा के दरबार पहुंचे, और चादर पोशी की। चादर पोशी के बाद मुख्यमंत्री ने रियासत की तरक्की, खुशहाली, अमन और शांति के लिए दुआ मांगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए कहा के दरगाह में आकर उर्स से दुआ मांगी। झारखंड में अमन शांति रहे ताकि झारखंड को नई ऊंचाई पर ले जाएं। यहां से गरीबी दूर हो, लोग एक दूसरे से मोहब्बत करें। ऐसी दुआ मांगी। वही मजार परिसर के अंदर शहर काजी काज़ी मसूद अफरीदी ने दुआ कराई के अल्लाह हमारे मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनाव लड़ रहे हैं इन्हें चुनाव में कामयाबी अता फरमा। इनके घर में जो परेशानी है उसे दूर फरमा। इनके बाल बच्चों के जिंदगी में सुकून अता फरमा। रघुवर दास को झारखंड के आवाम की खिदमत करने की तौफीक अता फरमा। जिसे मुख्यमंत्री और वहां मौजूद लोगों ने आमीन कहा। प्रवक्ता नसीम गद्दी प्रवक्ता मोहम्मद फिरोज, सदर हाजी अब्दुल रऊफ सरपरस्त आसिफ अली मोहम्मद शाकिर भाई महासचिव मोहम्मद फारुख उपाध्यक्ष जाकिर भाई इरफान खान उर्फ पप्पू उपसचिव शोएब अंसारी एवं नसीम गद्दी मोहम्मद बिलाल अली अहमद मोहम्मद वसीम बबलू पंडित संपा गद्दी मोहम्मद रिजवान हुसैन राजगद्दी मंजूर हबीबी साजिद गद्दी मोहम्मद इकबाल राइन आरिफ जमाल फैयाज अहमद जावेद खान गद्दी अतीक उर रहमान हाजी मनान खादिम ताजुल सोहेल अख्तर गद्दी मुकेश इमामुद्दीन गद्दी तबरेज गद्दी कलाम गद्दी मुन्ना गद्दी महफूज अंसारी राजा सैयद रिजवान बाबा मस्तान बाबा मोहम्मद इरफान शहजाद बबलू नासिर
मेले में उमड़ी भीड़
इधर बाबा के सामने उर्स मैदान में लगे मेले में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाएं बच्चों की तादाद सबसे ज्यादा झूले के आसपास देखी गई। लोग टिकट लेकर काफी देर तक अपनी बारी का इंतजार करते देखे गए। झूला केंद्र बिंदु बना रहा। जब झूला शुरू होता है तो झूलने वालों की हूटिंग शुरू हो जाती है। बच्चों के लिए छोटे कार, ट्रेन जैसे कई झूले लगाए गए हैं
सुबह होने तक चलता रहा कव्वाली का मुकाबला
मुंबई से आए कव्वाल दानिश साबरी और दिल्ली से आए हमसर हयात निजामी के बीच कव्वाली का मुकाबला चलता रहा। इन दोनों कवालों के बीच कव्वाली का मुकाबला दरगाह कमेटी के महासचिव मोहम्मद फारूक के आवास से शुरू हुआ। जहां पर दोनों ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश किए। मुंबई से आए कव्वाल दानिश साबरी ने पढ़ा के जब मौत मुझे आए आंखों में मदीना हो। ख्वाजा पिया मलंग। इधर हमसर हयात निजामी ने पढ़ा के दीन व दुनिया का ना ऐश गवारा होगा, हमको जब तक ना मोहम्मद का नजारा होगा। उसके बाद पढ़ा के तेरी रहमतों का दरिया सरेआम चल रहा है, मुझे भीख मिल रही है मेरा काम चल रहा है