
रांची: रांची में आज शिया समुदाय के द्वारा दिन के 1 बजे विक्रांत चौक मस्जिद जाफारिया से मातमी जुलूस निकलेगा। जिसमे खूनी व जंजीरी मातम होगा। जुलूस मस्जिद से निकलकर चर्च रोड़, अलदीवान होटल होते हुए डॉक्टर फातेहुल्लाह रोड होते हुए कर्बला चौक स्थित कर्बला पहुंचेगा। इस बीच चर्च रोड़ महावीर मंदिर के पास 2:30 बजे जुलूस पहुंचने पर सेंट्रल मुहर्रम कमिटी, श्री महावीर मंडल रांची, ज़िला प्रशासन आदि अंस्थाओ के द्वारा जैसे रांची सांसद संजय सेठ, विधायक सीपी सिंह, जय सिंह यादव, अकील उर रहमान, डीसी, एसएसपी, एसपी, एसडीएम, थाना प्रभारी, तीनो अखाड़ा के परमुख खलीफा एम सईद, पप्पू गद्दी, मो सज्जाद, संजू, आफताब, इस्लाम आदि जुलूस का स्वागत करेंगे। उस पर गुलाब जल छिड़ककर मातम करने वालो के गम(दुख) में शामिल कर मातमी जुलूस का स्वागत किया जायेगा। जुलूस में ताबूत अलम के साथ झूला भी होगा। वहीं सोमवार 9 मुहर्रम के मजलिस को हजरत मौलाना हाजी सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने अपने संबोधन में कहा कि नवासा-ए-रसूल हजरत इमाम हुसैन अपने नाना के दीन को बचाने के लिय शहीद हो गए। हजरत इमाम हुसैन की शहादत अल्लाह की बारगाह में ऐसे कबूल हुई कि यह तारीख उनकी शहादत से मशहूर हुई। क्योंकि, जब याजीदयों ने इमाम हुसैन को शहीद किया, तब इंसान ही नहीं बल्कि जमीन आसमान ने भी खून के आंसू रोया। इतने पर भी जब यजीदियों का कलेजा ठंडा नहीं हुआ, तब यजीदियों ने इमाम हुसैन और उनके साथियों की लाशो पर घोड़े दौड़ाए। यह सुनकर पूरा मजलिस हाय हुसैन, मौला हुसैन की रोने की आवाज़ से गूंज उठी। अलम का मातमी जुलूस अनवर आर्केड से निकल कर डॉक्टर फतेहुल्लाह रोड़ होते हुए मस्जिद जाफरीया पहुंचकर संपन्न हुआ। मुख्य रूप से फराज अब्बास, अजफर हुसैन, अशरफ हुसैन, डॉक्टर शमीम हैदर, एसएच फातमी, अमूद अब्बास, जफरूल हसन, रिजवान अहमद, शाहरुख रिजवी, अमीर हुसैन रिजवी, नदीम रिजवी, अकील उर रहमान, सोहैल सईद, आदिल रशीद आदि थे।
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