गुरु का सम्मान सर्वोपरि : तुषार कांति
विशेष संवाददाता
रांची। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को राजधानी के निवारणपुर स्थित बीएसवी विद्यालय परिसर में गुरु पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ। भजन-कीर्तन के बीच श्रीरामकृष्ण सेवा संघ के पदधारी व सदस्यगण स्वामी रामकृष्ण परमहंस, मां शारदे व स्वामी विवेकानंद की तस्वीर पर पुष्पार्चना कर गुरु का ध्यान किया। इस मौके पर गुरु शिष्य परंपरा के बारे में श्री रामकृष्ण सेवा संघ के सहायक सचिव तुषार कांति शीट ने अपने संबोधन में कहा कि गुरु-शिष्य का संबंध हमारे जीवन का एक ऐसा पक्ष है, जिससे हमारा पारंपरिक मूल्य संरक्षित रहता है। प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में गुरु को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। गुरु के समतुल्य कोई और नहीं हो सकता है। कोई भी शक्ति गुरु की भांति अपने शिष्य के जीवन को रूपांतरित नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि जीवन में गुरु की भूमिका कभी भुलाया नहीं जा सकता। जो हमारे अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाता है, वही गुरु होता है। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में गुरु और शिष्य का संबंध ईश्वर और भक्त के समान होता है।
इस अवसर पर आदित्य बनर्जी, सुकृत भट्टाचार्य, मीरा दासगुप्ता, अर्चना चक्रवर्ती,रानू बनर्जी, बुला दत्ता, मिता मारिक, असीम चक्रवर्ती, विवेक राय, तन्मय मुखर्जी, डॉ. स्मिता डे, आलोक सिन्हा, डॉ.आशुतोष चटर्जी सहित अन्य उपस्थित थे।