रांची। प्रख्यात कवि आलोक मिचयारी रचित कविता संग्रह “भंवर भावनाओं का” का लोकार्पण शनिवार को प्रभात प्रकाशन के सभागार में हुआ।
समारोह का शुभारंभ पादरी नीरल बागे की प्रार्थना तथा वाईएमसीए,रांची के जनरल सेक्रेटरी चोनहास कुजूर के स्वागत भाषण से हुआ।
सभा का संचालन करते हुए आलोक मिचयारी ने अपने कविता संग्रह के रचे जाने एवं उससे सम्बंधित सामयिक जानकारियां दी।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों में आरके मल्लिक (एडीजीपी, झारखंड), डाॅ. इकबाल दुर्रानी, ख्यातिप्राप्त लेखक, निर्देशक, चिन्तक, उपन्यासकार एवं फिल्म निर्माता, डाॅ. असलम परवेज समाजसेवी, बिशप श्रीमंत तिर्की, जीईएल चर्च, रांची, प्रवीण होरो सिंह: एजीपी, सांख्यकी व योजना मंत्रालय , भारत सरकार और उषा किरण कनडुलना,
(डीआईजी, सीआरपीएफ) शामिल हुए। इस अवसर पर अपने दिलचस्प अंदाज में डाॅ. दुर्रानी ने आलोक मिचयारी की रचनाओं एवं उनकी शख्सियत की तारीफ की। एडीजीपी आरके मल्लिक (एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों ने भी श्री आलोक मिचयारी के प्रयासों की प्रशंसा की व शुभकामनाएं दीं। उन्हें लेखन की दिशा में आगे जाने के लिये प्रोत्साहित भी किया। समाजसेवी डाॅ. असलम परवेज ने श्री मिचयारी को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ.परवेज ने कहा कि कविताएं अंतरात्मा की आवाज होती है। दिल के भीतर छिपी भावनाओं को शब्दों में अभिव्यक्त करने की कला प्रदर्शित करना और समाज में सकारात्मक संदेश देना एक अच्छे कवि की पहचान होती है। उन्होंने कहा कि श्री मिचयारी की कविताएं वर्तमान परिस्थितियों में प्रासंगिक है। मौके पर प्रभात प्रकाशन, झारखंड व बिहार के संचालक राजेश जी ने भेंट स्वरूप सभी विशिष्ट अतिथियों को अपनी पुस्तकें दी। लोकार्पण समारोह के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन बीएसएफ के इंस्पेक्टर सजीत टोप्पो ने किया। समारोह में काफी संख्या में बुद्धिजीवी व प्रबुद्ध वर्ग के गणमान्य मौजूद थे।