वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एस.एम मोईन का डोरंडा कब्रिस्तान में हुई मिट्टी मंजिल

परवेज कुरैशी..

रांची। सर आप रांची एयरपोर्ट से यहां कांग्रेस भवन तक पहुंचे हैं ,इस दौरान मंदिर, चर्च, एकरा मस्जिद, गुरुद्वारा सभी एक ही रास्ते पर स्थापित है जो आप देख रहें थे , उक्त बातें वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता मरहूम एस.एम मोइन ने बॉलीवुड के सिने अभिनेता निर्माता निर्देशक व कांग्रेस के सांसद सुनिल दत्त को रांची भ्रमण के दौरान उन्हें रांची शहर का परिचय देते हुए बता रहे थे।मोइन की बाते सुनने के बाद सुनील दत्त ने मुस्कुराते हुए कहे थे कि वहा एक ही मार्ग पर जब भगवान, अल्लाह, ईश्वर और वाहेगुरु जी हैं तो हम बंदे चौराहे पर क्यों खड़े हैं।
बता दें कि सौहार्द, एकता, भाईचारगी और सभी धर्मों के लोग के बीच अपनी सादगी, बेहतर छवि के लिए पहचान रखनेवाले शख्सियत व कांग्रेसी नेता
एस.एम मोइन का ईद के दिन तीन मई 2022 को रिम्स के ट्रामा सेंटर में ईलाज के दौरान इंतेकाल हो गया।बुधवार को डोरंडा ईदगाह कब्रिस्तान में बाद नमाज जोहर मिट्टी मंजिल किया गया।इस मौके पर मुख्य रूप से जेएससीए अध्यक्ष अजयनाथ शाहदेव, झारखण्ड प्रदेश जमीयतुल कुरैश अध्यक्ष मुजीब कुरैशी, रिसालदार बाबा कुतुबुद्दीन दरगाह शरीफ के अध्यक्ष हाजी राउफ गद्दी, मो.फारख, अंजुमन इस्लामिया सचिव नौशाद व सदस्य शाहिद टिकलू,झारखंड आंदोलनकारी आजम अहमद, सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के महासचिव अकील उर्रहमान,मौलेश सिंह,डा.असलम परवेज, औरेंगजेब खान, फरहाद कुरैशी,गुलाम गौस पप्पू, डब्लू, भोलू,नेहाल, बारीक, जावेद, अरशद खान, मो.इस्लाम, हाजी डॉकटर असलम प्रवेज, एस खान, अशरफ, एजाज, रमजान, अरशद खान,आमया के एस अली,कांग्रेसी नेता दीपू सिन्हा, सहित विभिन्न समुदायों एंव संगठनों व राजनीतिक दलों के लोग मिट्टी देने पहुंचे थे।

मोइन के निधन से लगा सदमाः

एस एम मोइन के इंतेकाल की खबर से न सिर्फ समाज के लोग को सदमा लगा, बल्कि मुस्लिम वर्ग ने एक बेहतर शिक्षित, सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस अपना एक सच्चा और ईमानदार सिपाही खो दिया।एक ऐसा सिपाही जिसने पार्टी को सिर्फ दिया है उनसे लिया कुछ नहीं है।मोइन से जुनियर युवा कांग्रेस के ऊंचे पद पर गये और कांग्रेस छोड़कर दूसरी पार्टी का दामन थामा,लेकिन मोइन पार्टी में पद के लिए नहीं बल्कि पार्टी को मजबूत बनाने के लिए डटे रहें,जबकि जेवीएम गठन के दौरान मोइन को बेहतर पद देकर पार्टी अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी आमंत्रित किए थे, मोइन के कई साथी जेवीएम का दाम चुके थे,लेकिन मोईन कांग्रेस के कार्यकर्ता बनकर रहें। एस एम मोईन का कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य रहे दिवंगत
ज्ञान रंजन के साथ बेहतर संबंध था।अलग झारखंड की मांग के लिए उन्होंने जनता के द्वारे द्वारे जाकर एक मुठ्ठी चावल और एक रुपेय दो हम झारखण्ड देंगे का नारा लगाते हुए ज्ञान रंजन,आरपी राजा,मुजीब कुरैशी, राजीव रंजन मिश्रा,विनय सिन्हा दिपू,राकेश सिन्हा,फिरोज मुन्ना , सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसी रांची शहर और इसके आसपास के गांवों में घूमते थे।पटना चलो रैली में मुजीब कुरैशी के नेतृत्व में कांटा टोली से सबसे अधिक बसे जाया करती थी , जिसमें अलग झारखंड की मांग करने वाले लोग की भीड़ से बस भरी रहती थी।लेकिन
ज्ञान रंजन के निधन के बाद ज्ञान रंजन के करीबी रहने वाले इन कांग्रेसी नेताओं को झारखंड अलग राज्य बना के बाद कांग्रेस में वो जगहें नहीं मिली जो मोइन और इनके साथियों को मिलना चाहिए था। बावजूद इसके एस एम मोईन कांग्रेस का दामन थामे रहे, और अपने स्तर से कार्यकर्ताओं को जोड़ने का काम करते रहें।इतना ही नहीं अलग झारखण्ड बनने के तुरंत बाद एम सईद और कुछ मौलाना, उलेमा के साथ मिलकर बिहार से अलग कर झारखंड एदर ए शरिया निर्माण के लिए सफल मुहिम चलाये।
इसी दौर में डोरंडा स्थित कुतुबुद्दीन रिसालदार बाबा व मुहर्रम सेंट्रल कमिटी , डोरंडा सीरत कमेटी के विस्तार करने का काम किये, जिसे भुलाया नहीं जा सकता है। यह भी बताते चलूं कि अविभाजित बिहार से लेकर अलग झारखण्ड निर्माण के बहुत साल बाद तक ओरमांझी बिरसा जैविक उद्यान में जानवरों के लिए जो मांस सफलाई होती थी उसमे मोईन जी का महत्वपूर्ण योगदान था, वे अपने एक घनिष्ठ मित्र के लिए यह सरकारी टेंडर पर पहल किये थे और लंबे समय तक यह सिलसिला जारी था।मोइन के योगदान न तो मुस्लिम समुदाय और न ही झारखण्ड कांग्रेस को भूलना चाहिए।

जताया शोकः

मोइन के निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से मैं व्यक्तिगत तौर पर मर्माहत हूं। मोइन पार्टी के पुराने और समर्पित कार्यकर्ता थे, युवा कांग्रेस से लेकर कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी के रूप में उनका कार्य काफी अतुलनीय रहा ।
पार्टी ने आज एक ऊर्जावान और कर्मठ नेता खो दिया, जिसकी निकट भविष्य में भरपाई संभव नहीं है। प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा दोस्त भी था भाई भी,लंबे समय हमलोग पार्टी के लिए काम किये उनके निधन से हम अकेला महसूस कर रहें हैं।झारखंड प्रदेश जमीयतुल कुरैश के अध्यक्ष मुजीब कुरैशी ने कहा वो मेरे करीबी मित्रों में भाई की तरह रहा है।हर दुख,मुसीबत में मोइन काम आये हैं।उनके कार्यों को हम नहीं भूल सकते ज्ञान रंजन जी के समय से ही साथ काम करते रहें।
झारखंड आंदोलनकारी के संयोजक
आजम अहमद ने कहा कि डोरंडा क्षेत्र में उनके किये गये कार्यों कै खासकर
कुतुबुद्दीन रिसालदार बाबा व मुहर्रम सेंट्रल कमिटी , डोरंडा सीरत कमेटी के विस्तार करने का काम को भुलाया नहीं जा सकता।इन सबके अलावा पूर्व सासंद सुबोध कांत साहय, विनय सिन्हा दीपू,राजीव रंजन मिश्रा, मुन्ना,परवेज कुरैशी,झारखंड पुलिस एसोसिएशन के प्रथम संयुक्त सचिव मो.महताब,गुलाम जावेद, फरहाद, आशीक,नदीम ,डा.असलम, सहित सैकड़ों लोगों ने शोक व्यक्त किया है।