राजधानी रांची में धूमधाम से मनाया गया ईद का त्योहार

राज्य की खुशहाली, अमन व स्लामती, आपसी भाईचारे की दुआ मांगी गई

रांची: झारखंड की राजधानी रांची में मंगलवार को ईद-उल-फितर का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। लोगो ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईदगाहों और मस्जिदों में ईद कि नमाज अदा की और इसी के साथ पवित्र रमजान महीना समाप्त हो गया। झारखंड के सभी जिला में लोगों ने शांतिपूर्वक ईद मनाई। देश दुनिया में जहां कहीं भी हिंसा फैली थी, वहां अमन व सलामती की दुआ की गई। राज्य की खुशहाली, अमन व स्लामती, आपसी भाईचारे की दुआ मांगी गई। ए अल्लाह हमारे राज्य हमारे देश में नफरत की फिजा को खत्म कर मोहब्बत की फिजा को आम कर दे। ए अल्लाह हम तुझसे गुनाहों की माफी मांगते हैं, हम सब को माफ फरमा। अल्लाह तो माफी को पसंद करता है, हम सब को माफ फरमा। हमारे देश और राज्य में खुशहाली, अमन व सलामती अता फरमा आपसी भाईचारे मैं मोहब्बत अता फरमा। इस तरह की लंबी दुआ मांगी गई। वहीं हरमू ईदगाह में ईद नमाज़ से पूर्व संबोधित करते हुए हजरत मौलाना असगर मिस्बाही ने कहा के मुल्क में जो नफरत का माहौल पैदा किया जा रहा है इसका जवाब मोहब्बत से देना है। मौलाना ने ईद की अहमियत उसकी फजीलत बयान करते हुए कहां के ईद मुसलमानों का सबसे बड़ा त्यौहार है। इस्लाम में दो ही त्यौहार है। ईद उल फितर और ईद उल अजहा। ईद के दिन का नाम आसमान में इनाम का दिन है। अल्लाह ईद के दिन अपने बंदों से कहता है कि तुमने मेरा हक अदा कर दिया मैं तुमसे राजी हो गया। मौलाना ने कहा कि मुसलमानों को चाहिए कि अपने खुशी के त्यौहार में दूसरे मजहब के लोगों को भी शामिल करें। मुस्लिम समाज में जो खराबी आ गई है, जैसे दहेज, शादी ब्याह में सामान मांगना, पैसा मांगना, गाड़ी मांगना, उसी तरह नशाखोरी और कइ बुराई है इन सब बुराई को खत्म करने की जरूरत है। वहीं डोरंडा ईदगाह मैं हजरत मौलाना सैयद शाह अलकमा शिबली कादरी ने ईद नमाज़ से पूर्व संबोधित करते हुए कहा कि हमारे मुल्क में जो गंगा जमुनी तहजीब है उसे बचाए रखना है। थोड़े से लोग जो मुल्क की सलामती को बिगाड़ना चाहते हैं उनके मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे। हमारा मुल्क बहुत अजीज है। इसके जर्रे जर्रे से हम मुसलमानों को मोहब्बत है। इसके लिए हमें किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं। मौलाना ने नौजवानों से अपील करते हुए कहा कि वह अपनी जानिब से कोई ऐसा काम ना करें जो इस्लाम और देश के लिए अच्छा ना हो। हम सबको अपने देश और राज्य के तरक्की के लिए कार्य करना है। वहीं इकरा मस्जिद के खतीब हजरत मौलाना डॉ उबैदुल्लाह कासमी ने अपने संबोधन में कहा कि ईद मुसर्रत ओं और खुशियों का पैगाम देता है। और खुशी उस वक्त पूरी होती है जब हम सभी रिश्तेदारों से दोस्त अहबाब से खुश रहें। अपने अखलाक व मोहब्बत से इन सब को खुश रखें। आज देश में अपने अच्छे अखलाक को पेश करने की जरूरत है। इस्लाम आपसी भाईचारे की का नाम है। मौलाना ने कहा कि दुनिया में जितने भी मजहब है हर एक के यहां तोहार मनाई जाती है। और यह त्यौहार किसी ना किसी की पैदाइश की खुशी में मनाई जाती है। लेकिन मजहब इस्लाम में जो दो त्यौहार है, ईद उल फितर, ईद उल अजहा वह किसी की पैदाइश की खुशी में नहीं है। ईद इनाम का दिन है। अल्लाह पाक अपने बंदों को गुनाहों को माफ कर उनको इनाम से नवाजते हैं। वहीं राईन मस्जिद में इमारत शरिया के क़ाज़ी ए शरीयत हजरत मौलाना मुफ्ती मोहम्मद अनवर कासमी ने ईद की नमाज से पूर्व अपने संबोधन में कहा कि एक दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार रखें। एक दूसरे के गम में शरीक हो। कहा गया है कि है कि खिदमत से खुदा मिला करता है। इसलिए अल्लाह के करीब होने के लिए इंसानियत की खिदमत ज़रूरी है। ईद साल का एक बड़ा त्यौहार है। अल्लाह और उसके रसूल ने त्यौहार मनाने का जो तरीका बताया है, उसी तरीके में ईद मनाना है। और उसी से खुशी हासिल करना है। और जो इसमें अपनी मनमानी चलाएं और नई बातों को जोड़ें उसको ईद की रूहानी खुशी हासिल नहीं हो सकती। वहीं ईद नमाज से पूर्व मस्जिद जाफरिया रांची में हजरत मौलाना हाजी सैयद तहजीब उल हसन रिजवी ने अपने संबोधन में कहा कि करोना के 2 साल बाद आज हम सब मिलकर एक साथ ईद की खुशियां मना रहे हैं। हम अपने अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं कि इस वर्ष हम सब के दामनो को खुश यो से भर दे। ईद एसा त्यौहार है जिसके खुशबू मोहब्बतों की फजा में आम होती है। ईद उसकी है जिसने रमजान में अल्लाह को राजी किया है। हजरत अली ने फरमाया मोमिन के लिए हर वह दिन ईद है जिस दिन उससे कोई गुनाह ना हो। आओ ईद के साथ हम यह निर्णय लें हम सबको वह काम करना है जिससे हमारा ईश्वर राजी होता है। ईश्वर को राजी करते जाओ दुश्मन खुद ब खुद जलील हो जाएगा। हक को मिटाया नहीं जा सकता, बाकी था, बाकी है, बाकी रहेगा। वहीं ईद नमाज़ से पूर्व शहर काजी व हव्वारी मस्जिद कर्बला चौक के खतीब हजरत मौलाना मुफ्ती कमर आलम कासमी ने अपने संबोधन में कहा कि ईद हम सब के लिए शांति, भाईचारे और मोहब्बत का संदेश लेकर आती है। हमें ईद इस तरह मनानी चाहिए कि किसी और को तकलीफ न पहुंचे। नमाज के साथ-साथ हमें ऐसे काम भी करने चाहिए जिससे ईश्वर खुश हों। हम सबको हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों का ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने देश की अमन व शांति , भाईचारा और देश की तरक्की के लिए दुआ की। वहीं इस मौके पर मुस्लिम समाज के हाजी इबरार अहमद, डॉक्टर असलम परवेज़, अकील उर रहमान, मुजीब कुरैशी, आज़म अहमद, मो असलम, एजाज गद्दी, हाजी रऊफ, मो फारुक, हाजी हलीम, संजू, हाजी माशूक, मो तौहीद, आदि लोगों ने कहा कि रमजान के पाक महीने की समाप्ति पर मनाए जाने वाला ईद-उल-फितर खुशी का पर्व है। करूणा, त्याग, आपसी भाईचारे व अमन-चैन के लिए सभी बुराईयों से दूर रहने की नसीहत देने वाला खुशियों का यह त्यौहार मानवीय मूल्यों के लिए समर्पण तथा सहनशीलता के प्रति हमारे विश्वास को मजबूत करके समाज में समरसता व परस्पर प्रेम की भावना को और अधिक सुदृढ़ करेगा। ईदगाह और मस्जिद में मौजूद सभी लोगों से आह्वान किया कि दीन दुखियों, जरूरतमंदों व लाचार लोगों की उदार मन से मदद करने के लिए आगे आकर इस पवित्र पर्व की खुशियों को और बढ़ाए।

सुरक्षा का था पुख्ता इंतज़ाम
राजधानी रांची में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम था। सभी चौक चौराहों, ईदगाहों, मस्जिदो के बाहर सुरक्षा का कड़ा इंतजाम था। रांची पुलिस की मुस्तैदी देखी जा रही थी। ट्रैफिक व्यवस्था को डायवर्ट कर दिया गया, ताकि आने जाने वाले दिक्कत ना हो।

कर्बला चौक में बच्चों का मेला लगा


हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कर्बला चौक में बच्चों का झूला लगाया गया। जहां पर बच्चे झूला में झूलते नजर आए। अपने गार्जियन से ईदी लेकर झूला झूलने के लिए कर्बला चौक पहुंचे। भीड़ को देखते हुए लोअर बाजार थाना प्रभारी ने सुरक्षा कि कड़ी इंतज़ाम किया गया।

मौलाना मिस्बाही ने पूरे किए ईदगाह के इमामत में 25 वर्ष
मौलाना डॉक्टर असगर मिस्बाही ने रातू रोड स्थित ईदगाह में अपने इमामत के करीब 25 वर्ष पूरा कर लिए। इस मौके पर अंजुमन इस्लामिया के पदाधिकारियों के द्वारा नजराना पेश किया जाएगा । मौके पर अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष इबरार अहमद ने कहा कि यह बहुत ही खुशी की बात है की अंजुमन इस्लामिया द्वारा संचालित हरमू रोड के रातू रोड स्थित ईदगाह में डॉक्टर मौलाना असगर मिस्बाही साहब पिछले 25 वर्षों से इमामत करते चले आ रहे हैं , और इस वर्ष ईद कि नमाज पढ़ाने के साथ उनका 25 वर्ष पूरा हो जाएगा । यह हम लोगों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि ना सिर्फ ईद , बल्कि बकरीद की भी नमाज डॉ मौलाना मिस्बाही ही पढ़ाते हैं । साथ ही उन्होंने रांची और राज्य के आवाम से अपील की है कि ईद बहुत ही खुशियों का पर्व है। इसे मिलजुलकर खुशियों के साथ भाईचारगी एवं सौहार्द के साथ मनाएं। अफवाहों में ना जाएं और अपने घर, मोहल्ले, परिवार और समाज के बीच में ईद मनाए, सभी को ईद की ढेर सारी बधाइयां।

ईद के अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुबोधकांत सहाय

मुस्लिम छेत्रों में पहुँचे और आम लोगों से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी इस क्रम में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ असलम परवेज़ के निवास स्थान मेन रोड स्थित तस्लीम महल पहुचें जहाँ वभिन्न समाजिक सगठनों के साथ ईद की खुशयां बाटीं साम्प्रदायिक सौहार्द भाईचारे को मजबूत करने का संकल्प दोहराया इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉक्टर असलम परवेज़,सेण्ट्रल मुहर्रम कमिटी राँची के महासचिव अकील उर रहमान,जमयतुल कुरैश के अध्यक्ष मोजिब कुरेशी,शेपिंग लाईफ के डायरेक्टर औरंज़ेब खान जावेद कुरेशी ,मो शब्बीर,मरहबा सोसायटी के सचिव नेहाल अहमद,मो फैसल खान डॉ खुर्शीद अनवर डॉ एम हसनैन आदि मौजूद थे।