सर्वधर्म प्रेमी व्यक्तित्व हैं:परवेज उमर


समाजसेवा को तरजीह देते हैं परवेज उमर
इंसान के अंदर इंसानियत का भाव होना जरूरी है। इसके अभाव में इंसान होने का मकसद पूरा नहीं हो सकता है। ऐसा मानना है राजधनी के हिंदपीढ़ी स्थित सेंट्रल स्ट्रीट निवासी समाजसेवी परवेज उमर का। परवेज की प्रारंभिक शिक्षा कर्बला चौक स्थित आजाद हाई स्कूल से हुई। वहीं से उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की। बचपन से ही दयालु व मृदुभाषी परवेज का रूझान समाजसेवा के प्रति रहा करता था। युवा होने पर उनका यह शौक परवान चढ़ने लगा। उनके पिता हाजी तुफैल अहमद भी शहर के जाने-माने समाजसेवी हैं। परवेज को समाजसेवा की प्रेरणा उनके पिता से मिली। वह पेशे से व्यवसायी हैं। अपने पारिवारिक व व्यावसायिक गतिविधियों को बखूबी निभाते हुए गरीबों के सहायतार्थ जुटे रहते हें। परवेज उमर तबलीगी जमात की मरकज, बड़ी मस्जिद के शूरा के जिम्मेदार हैं। वह इदरिसिया कम्यूनिटी हॉल के व्यवस्थापक भी हैं। समाज के हर तबके के लोगों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। परवेज अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। सर्वधर्म-समभाव के सिद्धांतों को आत्मसात कर अपने जीवन में कुछ बेहतर करने का जज्बा उनमें है। समाजसेवा के प्रति उनके जज्बे और जुनून देखकर हर वर्ग के लोग उनके मुरीद हो गए हैं। वह अपने सहयोगियों के साथ टीमवर्क की मिसाल पेश करते हुए समाज के हर तबके के लोगों के लिए स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान शिविर का आयोजन करते हैं। गर्मी के दिनों में मुहल्ले में व्याप्त पेयजल संकट दूर करने के लिए भी वह अपने स्तर से प्रयत्नशील रहते हैं। समुदायिक भवन की बोरिंग से पानी की आपूर्ति मुहल्ले में नियमित करते हैं, ताकि पेयजल की किल्लत दूर हो सके। समाजसेवा के प्रति उनके समर्पण को देखकर मुहल्ले के अन्य युवक भी परवेज उमर का सहयोग करने को आगे आते हैं। उनका मानना है कि समाजसेवा करने से मानव जीवन का उद्देश्य पूरा हो जाता है। समाजसेवा से सुकून मिलता है।