तबलीगी जमाअत के अमीर हाजी गुलाम सर्वर रातू रोड कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक

1962 मे बने थे जमाअत के अमीर

रांची: तबलीगी जमाअत झारखंड के इंचार्ज हाजी गुलाम सर्वर (95) का नमाज़ जनाजा 23 अप्रैल 2022 को रात 10:30 बजे हरमू ईदगाह में नमाज़ जनाजा अदा की गई और रातू रोड़ क़ब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया। नमाज़ जनाजा अपर बाजार जामा मस्जिद रांची के खतीब हज़रत मौलाना मुफ्ती तल्हा नदवी ने पढ़ायी। आलम हॉस्पिटल से जैसे ही जनाजा घर पहुंचा तो उनके जानने और मानने वालो की भीड़ लग गई। जनजा उनके घर इकरा मस्जिद के बगल इमली टोला से बाद नमाज़ तरावीह 10:15 बजे हरमू ईदगाह के लिए निकला। हरमू ईदगाह में नमाज़ जनाजा अदा की गई। जनाजा की नमाज़ राईन मस्जिद के इमाम मौलाना मुफ्ती तल्हा नदवी ने पढ़ाई। और रातू रोड कब्रिस्तान में सुपूर्द ए खाक किया गया। इनके जनाज़े में राँची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, चतरा, हजारीबाग, प्लामू, गढ़वा, गोड्डा, गिरिडीह, जमशेदपुर, रामगढ़, समेत बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा के सैंकड़ो लोग शामिल हुए। इसके साथ ही झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल हसन अंसारी, झामुमो नेता आफताब आलम, कई सामाजिक, राजनीतिक, बुद्धिजीवी, नौजवान सैंकड़ों कि संख्या में शामिल हुए। वह अपने पीछे बीवी समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए। जनाजा में शामिल होने वाले में कुछ मुख्य नाम हाजी माशूक, हाजी इम्तियाज, हाजी साहब अली, कांग्रेस नेता शमशेर आलम, मो मुश्ताक, सेंट्रल मुहर्रम कमिटी के अकील उर रहमान, जुबैर गद्दी, शकील, मौलाना तलहा नदवी, मौलाना डॉ. ओबैदुल्लाह कासमी, मुफ्ती अब्दुल्लाह अज़हर, मुफ्ती अनवर कासमी, मुफ्ती कमर आलम, मुफ्ती उजैर, मौलाना हबीबुल्लाह, अंजुमन के अध्यक्ष हाजी इबरार, हाजी फिरोज़, हाजी मुख्तार, एजाज गद्दी, नेहाल हुसैन, हाफिज आरिफ़, जमीयत उलेमा कोषाध्यक्ष शाह उमैर, खुर्शीद हसन रूमी, सलाहउद्दीन संजू, मुजीब कुरैशी, आज़म अहमद, शफीक अंसारी, मकसूद आलम, जावेद कुरैशी, मतिउर्रमान, सैफुलहक, शरफे आलम, नौशाद खान, नदीम खान, डॉ तारिक, काजिम कुरैशी, एडवोकेट तनवीर, मो जाहिद, मो तनवीर, पत्रकार आदिल रशीद, सरफराज कुरैशी, डॉक्टर शहनवाज कुरैशी, डॉ असलम प्रवेज, अब्दुल मन्नान, मुस्तकिम आलम, हाजी हलीम, मौलाना असगर मिस्बाही, मौलाना मोहम्मद, अतिकुर्रमान, हाजी उमर, साजिद उमर, मो गौस इब्न रशीद, अफरोज अलम, आबिद अंसारी, शफ्फू भाई, एजाज गद्दी, मुफ्ती जावेद, अब्दुल अजीज, मो इरशाद, शहर और गांव के सैंकड़ो लोग थे।

कौन है हाजी गुलाम सरवर
हाजी गुलाम सरवर 1962 में जमात के अमीर बने। उस वक्त रांची शहर में बॉसगिरी, दबंगई, बेदिनी उरूज पर था। ऐसे वक्त में हाजी गुलाम सरवर अमीर बने। और तबलीगी जमात पर काम किए, पूरी इंसानियत पर मेहनत किए। गांव देहात, झारखंड, बिहार, बंगाल और जगह जगह पर जा जाकर लोगों को जोड़ने का काम किया। यही कारण है कि आज अमीर साहब के जनाजे में झारखंड के कई जिला के अलावा बिहार, बंगाल, उड़ीसा, गांव देहात के सैकड़ों लोग शामिल हुए।

नौजवानों ने संभाला ट्रैफिक व्यवस्था
तबलीगी जमात झारखंड के अमीर हाजी गुलाम सरवर का इंतकाल की खबर आग की तरह फैल गई। और 5 बजे तक हजारों हजार लोग राजधानी रांची पहुंच गए। इतनी बड़ी संख्या मैं लोगों को पहुंचने पर नौजवानों ने ट्रैफिक व्यवस्था संभाली। कई मस्जिदों में बाहर से आने वाले लोगों के लिए इफ्तार, खाना और सेहरी का व्यवस्था किया गया। इकरा मस्जिद, राईन मस्जिद, हव्वारी मस्जिद, रंगसाज मस्जिद, पथलकुदवा समेत कई मस्जिदों में व्यवस्था किया गया। बाहर से आने वाले गाड़ियों के पार्किंग के लिए आस पास के स्कूल के गेट खुलवा कर वहां गाड़ी पार्किंग का व्यवस्था किया गया।