गव्य विकास निदेशालय की छह दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का शुभारंभ
रांची। गव्य विकास निदेशालय, झारखंड के सौजन्य से धुर्वा स्थित प्रशिक्षण एवं प्रसार संस्थान में छह दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का शुभारंभ शुक्रवार को हुआ। इस अवसर पर महिला व पुरुष पशुपालकों के बीच दुधारू पशु वितरण भी किया गया। प्रशिक्षण सह कार्यशाला में विभिन्न जिलों की महिला पशुपालक शामिल हुईं। गव्य विकास विभाग के प्रशिक्षक अशोक कुमार सिन्हा ने राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी पशुपालकों को देते हुए उन्हें जागरूक किया। श्री सिन्हा ने कहा कि पशुपालन से जुड़कर महिलाएं काफी संख्या में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। इससे महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी महिला पशुपालकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। श्री सिन्हा ने कहा कि पशुपालन की ओर पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं के जोड़ने से झारखंड राज्य जल्द ही दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा। अन्य राज्यों से दूध की आयात नहीं करनी पड़ेगी। गव्य विकास विभाग के मुख्य अनुदेशक सह जिला गव्य विकास पदाधिकारी कौशलेंद्र कुमार सिंह ने महिला पशुपालकों को बिचौलियों से बचने और सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ उठाने से संबंधित जानकारियां दी। विभाग के प्रशिक्षक मनोज कुमार ने पशुपालकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभान्वित होने के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में बैंक ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि एवं विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं भी उपस्थित थे। इस अवसर पर पशु औषधि निर्माण से जुड़ी विभिन्न कंपनियों, मेधा डेयरी, पशुपालन से जुड़े उपकरण निर्माता कंपनियों के स्टाल भी लगाए गए थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में कब गव्य तकनीकी पदाधिकारी ओमप्रकाश सिंह, सुरेश कुमार, वशिष्ठ सिंह सहित अन्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही।