कपड़ा पर टैक्स मोदी सरकार का तुगलकी फरमान : सुबोधकांत सहाय

रांची। पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि कपड़ा पर टैक्स वसूली केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का तुगलकी फरमान है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से अब तक की सरकारों ने कपड़ा पर टैक्स नहीं लगाया। यूपीए सरकार के शासनकाल में भी कपड़ा पर टैक्स नहीं लगाया गया था। वस्त्र व्यवसाय को टैक्स रहित रखा गया। नरेंद्र मोदी की सरकार आते ही पहले तो कपड़ा पर पांच प्रतिशत टैक्स वसूली का जनविरोधी निर्णय लिया गया। अब इसमें वृद्धि करके 12 प्रतिशत टैक्स (जीएसटी) वसूलने की तैयारी में मोदी सरकार लगी है। यह केंद्र सरकार का जनविरोधी कदम है। उन्होंने कहा कि कपड़ा आमजन के जीवन से जुड़ा है। आदमी भले ही भूखे रह जाए, लेकिन कपड़ा के बिना रहना संभव ही नहीं है। अब तो मोदी सरकार कफन खरीदने पर भी टैक्स वसूल रही है। इससे बढ़कर अमानवीय कृत्य और क्या हो सकता है?
श्री सहाय ने कहा कि मोदी सरकार के शासनकाल में आमजन टैक्स की मार से त्रस्त हैं। कमरतोड़ महंगाई ने गरीब जनता का जीना दूभर कर दिया है। मोदी सरकार आम जनता का शोषण कर सिर्फ बड़े-बड़े पूंजीपतियों का खजाना भरने में लगी है। जनहित के मुद्दों से केंद्र सरकार को कुछ भी लेना-देना नहीं रह गया है।
उन्होंने कहा कि कपड़ा पर टैक्स वृद्धि जैसे तुगलकी फरमान को केंद्र सरकार तत्काल वापस ले, अन्यथा देशव्यापी व्यापक जनांदोलन का सामना करना पड़ सकता है।