छोटानागपुर रिजनल हैंडलूम विवर्स कोऑपरेटिव यूनियन के आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र व ई-कॉमर्स का शुभारंभ
बुनकरों के उत्पाद अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी होंगे उपलब्ध
बुनकरों से सम्बंधित “कॉफी टेबल बुक ” का विमोचन
रांची। बुनकर समाज सदियों से हमारी सभ्यता और संस्कृति के साथ रचे-बसे हैं। सामाजिक समरसता बनाए रखने में भी बुनकरों की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान में बुनकर समाज के लोग विभिन्न समस्याओं से ग्रसित हैं और बेहतर जिंदगी जीने की जद्दोजहद कर रहे हैं। ऐसे में बुनकरों को समुचित सहयोग की आवश्यकता है। उक्त बातें झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने कही। श्री महतो मंगलवार को इरबा स्थित छोटानागपुर रीजनल हैंडलूम विवर्स कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड द्वारा अत्याधुनिक बुनकर प्रशिक्षण केंद्र एवं ई-कॉमर्स के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस गति से बुनकरों की आर्थिक स्थिति में सुधार होना चाहिए था, उस गति से उनके हालात नहीं सुधरे। समय की मार ने बुनकरों को पीछे कर दिया है। समय के साथ-साथ चलने की जरूरत है। इसके साथ ही बुनकरों को अपना बाजार बचाए रखने के प्रति भी सजग रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बुनकरों को अपनी मेहनत का वाजिब मेहनताना नहीं मिल पाता है। उनकी मेहनत की कमाई से बिचौलिए फायदा उठा ले जाते हैं। ऐसे में बुनकरों के लिए समुचित बाजार की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बुनकरों द्वारा बनाए गए उत्पाद गुणवत्तायुक्त और टिकाऊ होते हैं। बावजूद इसके, समुचित बाजार के अभाव में उनके उत्पादों का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि बुनकरों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार के साथ राय-मशविरा कर जल्द ही नीति-निर्धारण की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। ताकि बुनकरों का उत्थान हो सके और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में बुनकरों द्वारा उत्पादित वस्तुओं का उपयोग किया जा सके, इसके लिए भी वे प्रयास करेंगे। श्री महतो ने कहा कि यह काफी खुशी की बात है कि बुनकरों द्वारा उत्पादित सामग्री अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध कराने की दिशा में छोटनागपुर रीजनल हैंडलूम विवर्स कोऑपरेटिव यूनियन का प्रयास सराहनीय है। उन्होंने समय के अनुसार वैज्ञानिक पद्धति को अपनाने पर बल देते हुए कहा कि बुनकरों के उत्पाद के लिए समुचित बाजार की व्यवस्था से उनकी आर्थिक स्थिति में आशातीत सुधार संभव है।
बुनकरों के हालात में सुधार जरूरी: डॉ. इरफान अंसारी
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए जामताड़ा के विधायक डॉ.इरफान अंसारी ने कहा कि बुनकर समुदाय का अस्तित्व बचाने की जरूरत है। बुनकरों के वर्तमान हालात पर भी गंभीर चिंतन करने की आवश्यकता है। बुनकर समाज विभिन्न समस्याओं से ग्रसित हैं। पूर्व में यूपीए नेतृत्व वाली केंद्र सरकार बुनकरों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज देती थी। लेकिन वर्तमान में भाजपानीत केंद्र सरकार ने बुनकरों को उपेक्षित कर रखा है। डॉ. अंसारी ने कहा कि बुनकर समाज के लोग झारखंड में 17प्रतिशत हैं। लेकिन पिछड़ापन का दंश झेलने को विवश है। बुनकरों की आवाज दबा दी जाती है। उन्होंने बुनकरों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए सरकार से बुनकरों के उत्थान और उन्हें अनुदान देने की मांग की। उन्होंने कहा कि यूपीए नेतृत्व वाली राज्य सरकार के गठन में अल्पसंख्यकों और बुनकरों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके बावजूद बुनकर उपेक्षित हैैं, यह चिंता का विषय है। डॉ.अंसारी ने राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई सोना-सोबरन योजना (धोती साड़ी लूंगी बांटने की योजना) के तहत बुनकरों द्वारा उत्पादित सामग्री खरीदने के लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि बुनकर समाज केवल वोट देने के लिए ही नहीं है। इनके विकास और उत्थान के लिए भी सरकारी योजनाएं बनाए और राज्य सरकार बुनकरों की समस्याओं पर ध्यान दें।
समारोह को संबोधित करते हुए खिजरी के विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि भारतीय संस्कृति के संवाहक के रूप में बुनकरों की भूमिका काफी सराहनीय है। स्वतंत्रता आंदोलन में भी बुनकर समाज ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। सामाजिक क्षेत्र में भी बुनकरों का उल्लेखनीय योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि बुनकरों के लिए शुरू गए ई-कॉमर्स सिस्टम और आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र मील का पत्थर साबित होगा।
कार्यक्रम में छोटानागपुर रीजनल हैंडलूम विवर्स कोऑपरेटिव यूनियन के चेयरमैन अनवार अहमद अंसारी ने स्वागत भाषण के दौरान कहा कि बुनकरों की समस्याओं के प्रति सरकार को भी ध्यान देने की आवश्यकता है। बुनकरों के हालात में सुधार लाने की दिशा में संस्था की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन राज्य व केंद्र सरकार द्वारा भी बुनकरों के कल्याण के लिए योजनाएं बनाकर उनके उत्थान हेतु कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने यूनियन के संस्थापक स्वर्गीय अब्दुर रज्जाक अंसारी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस संस्था से 10 हजार बुनकरों का भविष्य जुड़ा हुआ है। इससे 72 कोऑपरेटिव सोसाइटी संबद्ध है। ई-कॉमर्स के शुभारंभ से बुनकरों की दशा और दिशा में सुधार लाने का प्रयास शुरू किया गया है। बुनकरों के उत्पाद की ऑनलाइन बिक्री से बुनकर समाज का आर्थिक विकास संभव हो सकेगा। बुनकरों के कल्याण हेतु विभिन्न प्रकार की योजनाएं संस्था द्वारा संचालित की जा रही है। कार्यक्रम का शुभारंभ कारी सुहेब के तिलावत कुरान से हुआ। इस अवसर पर दी छोटानागपुर रीजनल हैंडलूम विवर्स कोऑपरेटिव से जुड़े बुनकरों और उनके द्वारा उत्पादित सामग्री की विस्तृत जानकारी से संबंधित “कॉफी टेबल बुक” का भी विमोचन किया गया।
मौके पर निबंधक सहयोग समितियां (झारखंड सरकार) मृत्युंजय कुमार बरनवाल, यूनियन के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी लुईस टोप्पो, मेदांता अस्पताल के वरीय सलाहकार सईद अहमद अंसारी, सामाजिक कार्यकर्ता फिरोज अहमद अंसारी, नसीम अहमद अंसारी, हाजी इकबाल,आफताब आलम, जमील अख्तर,हाजी साबिर, शरीफ अंसारी, असलम अंसारी, नईम अंसारी, गुलाम रब्बानी, गुलरेज अंसारी, अताउल्ला अंसारी, नसीम अंसारी, मतिउर रहमान, इबरार अहमद, खलील अंसारी, अबुल अंसारी, परवेज अंसारी,जावेद अख्तर सहित काफी संख्या में बुनकर मौजूद थे।