सेंट्रल मुहर्रम कमिटी के अध्यक्ष बने जावेद गद्दी



मुहर्रम 2021 को पूरे शान व शौकत से निकाले जाने का निर्णय

रांची: मोहर्रम 2021 को लेकर धौताल अखाड़ा, इमाम बख्श अखाड़ा के अंतर्गत आने वाले तमाम अखाड़ा के खलीफा उनके प्रभारी के संयुक्त बैठक सेंट्रल मोहर्रम कमेटी के तत्वाधान में हुई। यह बैठक सेंट्रल मुहर्रम कमिटी के कार्यालय परिसर मधुबन मार्किट मेंन रोड़ रांची में हुई। बैठक की अध्यक्षता धौताल अखाड़ा के प्रमुख खलीफा जमशेद अली उर्फ पप्पू गद्दी ने किया और संचालन सेंट्रल मुहर्रम कमिटी के महासचिव अकिलुर रहमान ने किया। बैठक में धौताल अखाड़ा के खलीफा जमशेद अली उर्फ पप्पू गद्दी, इमाम बख्श अखाड़ा के प्रमुख खलीफा मोहम्मद महजूद और इनके अंतर्गत आने वाले खलीफा की मौजूदगी में सेंट्रल मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष का चुनाव कराया गया। किसी भी कमेटी में अध्यक्ष का होना जरूरी है। गुल मोहम्मद गद्दी के निधन के बाद यह जगह खाली था। दोनों खलीफा के प्रस्ताव पर सभी खलीफा ने सर्वसम्मति से जावेद गद्दी को सेंट्रल मोहर्रम कमेटी का अध्यक्ष चुना गया। सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के चुनाव के बाद जमशेद अली उर्फ पप्पू गद्दी, मोहम्मद महजूद और तमाम लोगों की मौजूदगी में यह निर्णय हुआ कि मोहर्रम 2021 का जुलूस एवं धार्मिक कार्य सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए शानो शौकत से जुलूस निकाला जाएगा। मोहर्रम 2019 और 20 कोरोना को देखते हुए नहीं निकाला गया। इसलिए निर्णय लिया गया कि 2021 का मोहर्रम शानो शौकत के साथ निकाला जाए। इस सिलसिले में आने वाले बैठक में कोई ठोस एवं निर्णायक फैसला लिया जाएगा। मौके पर आये हुए सभी खलीफा एवं पदाधिकारियों, प्रेस मीडिया के साथियों का सेंट्रल मुहर्रम कमिटी के सरपरस्त मोहम्मद सईद की ओर से कमिटी संयुक्त सचिव मोहम्मद तौहीद ने पगड़ी और माला पहना कर स्वागत किया। इस मौके पर सेंट्रल मुहर्रम कमिटी के महासचिव अकिलुर रहमान, हाजी मासूम गद्दी, हाजी साहब अली, मो शफ़िक़, गुलाम रसूल, मो हुसैन, कमिटी के उपाध्यक्ष आफताब आलम, हाजी मो इस्लाम, जियारत अंसारी, फैसल गद्दी, हाजी रब्बानी, मंसूर चिश्ती, रोजन गद्दी, जमील गद्दी, महफूज़ गद्दी, हाजी मोइन, करीम खान, मो हशमत, मो जिलानी, मो शोएब, मंसूर गद्दी, मो जबीउल्ला, इकराम पप्पू, अब्दुल बारी, मो सरफ़राज़ समेत कई लोग थे। धन्यवाद ज्ञापन इमाम बख्श अखाड़ा के मोहम्मद महजूद खलीफा ने किया। मुहर्रम से जुड़े गुल मोहम्मद गद्दी सहित सभी मरहूम केलिये दुआ ए मगफिरत की गई।