समाजसेवी मतिर्रह्मान की सास का निधन

चंदवे क़ब्रिस्तान में नमाज़ जनाजा अदा की गई और वहीं सुपुर्द ए खाक किया गया

रांची: समाजसेवी मतिर्रह्मान की सास शहनाज़ बनो (60) का निधन हो गया (इन्ना लीलाहे व इन्ना इलैहे राजीओंन)। मिट्टी मंज़िल आज 23 जून को बाद नमाज़ ज़ोहर चंदवे क़ब्रिस्तान में नमाज़ जनाजा अदा की गई और वहीं सुपुर्द ए खाक किया गया। नमाज़ जनाज़ा मस्जिद अबु बकर के इमाम मौलाना नसीम ने पढ़ाई। ज्ञात हो की मतिर्रह्मान की सास शहनाज़ बानो पिछले 6 महीना से बीमार चल रही थी। बुधवार सुबह 4 बजे लगभग अपने चंदवे आवास में आखरी सांस ली। जैसे ही लोगो को पता चला कि अकील अहमद की पत्नी और समाजसेवी मतिर्रह्मान की सास का इंतेक़ाल हो गया तो लोग उनके घर की ओर चल दिये। वह अपने पीछे पति अकील अहमद, 2 बेटा दानिश अफ़रोज़, अकमल फ़िरोज, 1 बेटी फौजिया रहमान, नाती, पोता समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गई। जनाज़ा में शामिल होने वालों में पत्रकार आदिल रशीद, अंजुमन इस्लामिया के सचिव मो नौशाद, शाहिद अख्तर टुकलु, मो मोहसिन, मो ज़ाहिद, महफूज आलम अब्दुल सत्तार, शाकिर, मो ज़ाकिर, एडवोकेट जमील अख्तर, इम्तियाज आलम, हाजी इदरीश, दानिश, तमीम फिरोज, मोहम्मद कासिद, हजरत अली समेत कई गणमान्य लोग शामिल थे। वहीं अंजुमन इस्लामिया रांची के चेयरमैन इबरार अहमद ने शोक व्यक्त करते हुये कहा कि मतिर्रह्मान ने ख़िदमत में कोई कसर नही छोड़ा। अल्लाह उनके घर वालो को सब्र दे।