अंजुमन इस्लामिया चुनाव संयोजक के प्रेस कॉन्फ्रेंस में हंगामा

अंजुमन इस्लामिया का मुख्य चुनाव संयोजक घोषित

मुख्य संयोजक का विरोध शुरू

संवाददाता परवेज कुरैशी

रांची । अंजुमन इस्लामिया रांची का चुनाव 2021 -2024 को लेकर नवनियुक्त अंजुमन इस्लामिया चुनाव मुख्य संयोजक डॉ सैयद इकबाल हुसैन नियुक्त किए गए हैं । इस अवसर पर मुख्य संयोजक चुनाव समिति अंजुमन इस्लामिया रांची के डॉ सैयद इकबाल हुसैन ने पत्रकारों को संबोधित किया। डा. सैयद ने कहा कि अंजुमन इस्लामिया रांची के नियमावली के अनुसार प्रबंधन कमेटी ने बैठक कर 21 मार्च 2021 को मुख्य चुनाव संयोजक के रूप में मुझे नियुक्त किया गया है और 5 अप्रैल को अंजुमन इस्लामिया के महासचिव के द्वारा उन्हें जानकारी प्राप्त हुई। 7 अप्रैल 21 को मुख्य चुनाव संयोजक पद के लिए स्वीकृति दे दी। बतौर मुख्य संयोजक चुनाव समिति अंजुमन इस्लामिया रांची के तौर पर उन्होंने 15 अप्रैल 2021 को कोविड-19 की दूसरी लहर को देखते हुए अंजुमन इस्लामिया चुनाव को वर्तमान स्थिति को देखते हुए चुनाव नहीं कराने का निर्णय लिया । अनुरोध किया गया कि कोरोना संक्रमण का खतरा टल जाए और जनजीवन सामान्य होने लगे, तब राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 गाइडलाइंस के अनुरूप सरकार द्वारा दिए गए, दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अंजुमन इस्लामिया रांची के चुनाव प्रक्रिया से संबंधित तिथि तय की जाएगी। हालांकि इस चुनाव से संबंधित जानकारी रांची जिला उपायुक्त को दे दी गई है।

मुख्य संयोजक का विरोध शुरू
वहीं दूसरी ओर झारखंड मुस्लिम सेंट्रल कमिटी के बैनर तले विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने मौके पर ही मुख्य संयोजक चुनाव समिति अंजुमन इस्लामिया रांची डॉ. सैयद इकबाल हुसैन के पद का विरोध किया । मुस्लिम संगठनों के लोगों ने एक स्वर में कहा कि वक्फ की धारा( 14 )में स्पष्ट है कि मौजूदा कमेटी अपनी 3 वर्षीय कार्यकाल के अंदर दीनदार शख्स को चुने । यह निर्णय मजलिस ए आमला (कैबिनेट) की उपस्थित सदस्यों के बहुमत से होगा । सर्व विदित हो कि मजलिस ए आमला की बैठक ही इस बाबत नहीं नहीं हुई है, ऐसे में डॉ सैयद इकबाल किस वक्फ अंजुमन इस्लामिया के नियम व कानून के तहत चुनाव संयोजक बनाए गए हैं ,यह अपने आप में बड़ा सवाल है । जब चयन की प्रक्रिया ही वैध नहीं है , तो मजलिस ए आमला एवं मतदाता क्यों आपको चुनाव संयोजक मानेगी। नियमता चुनाव कार्य के लिए निष्पक्ष व्यक्ति का चयन होना चाहिए । इस अवसर पर पूर्व पार्षद मोहम्मद असलम, मो. नकीब , मो.सलीम , मो.फैजी, नदीम इकबाल ,पूर्व पार्षद संजू,गुलामजावेद, मो.शकील, राजू उर्फ राधे, हाजी फिरोज, नईम कुरैशी, मो अफरोज, नदीम इक़बाल, शकील हबीबी, पूर्व पार्षद नईम, मो जबीउल्ला, सहित कई लोग वर्तमान नवनियुक्त मुख्य संयोजक चुनाव समिति अंजुमन इस्लामिया रांची डॉ सैयद इकबाल हुसैन का खबर लिखे जाने तक पुरजोर विरोध किया। साथ ही अंजुमन के महासचिव हाजी मुख्तार से कमिटी द्वारा चुनाव कन्वेनर नियुक्त करने का प्रमाण मंगा तो नही दिया ज्ञात होकी चुनाव कन्वेनर का फैसला कार्यकारणी समिति में लिया जाता है जबकि वहाँ मौजूद दो कार्यकारिणी समिति के मेम्बर मो नक़ीब,और मो सलीम ने कहा कि इस तरह का कोई भी फैसला कार्यकारणी की बैठक में नही लिया गया है। अंजुमन के सदर सिकरेट्री अंजुमन में जबरन कब्जा कर अवेध तरीके से दुबारा कब्जा करना चाहते हैं इसलिए यह सारे हथकंडे अपना रहे हैं।

जब चयन की प्रक्रिया ही वैध नहीं है तो मजलीस-ए -आमला (मतदाता-सदस्य)क्यों आपको चुनाव संयोजक मानेगी

आज दिनाँक 20/06/2021 को अन्जुमन इस्लामिया के परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अन्जुमन इस्लामिया के सदस्य सहित अवाम की आवाज बनकर चुनाव कन्वेनर एवं अन्जुमन के सचिव से सवाल किया गया,JMCC के कार्यवाहक अध्यक्ष मो०असलम,मोहम्मद फैजी,हाजी फिरोज,के साथ विभिन पंचायत सोसाइटी के प्रतिनिधि सवालो में शामिल थे रांची की जनता अर्थात अंजुमन इस्लामिया के मतदाता सदस्य वर्तमान चुनाव संयोजक डॉ सैयद इकबाल साहब को अवैध संयोजक मानती है।
वक्फ की धारा 14 में स्पष्ट है कि मौजूदा कमेटी अपनी 3 वर्षीय कार्यकाल के अंदर दीनदार शख्स को चुने यह निर्णय मजलिस-ए-अमला कैबिनेट के उपस्थित सदस्यों के बहुमत से होगा सर्व विदित हो की मजलीस-ए-आमला की बैठक ही कभी नहीं हुई है ।तब ऐसे में डॉ सैयद इकबाल साहब किस हैसियत से और अंजुमन इस्लामिया के नियम व कानून के तहत चुनाव संयोजक बनाए गए हैं यह अपने आप में बड़ा सवाल है।
जब चयन की प्रक्रिया ही वैध नहीं है तो मजलीस-ए -आमला (मतदाता-सदस्य)क्यों आपको चुनाव संयोजक मानेगी।
नियमतः चुनाव कार्यों के लिए तटस्थ निष्पक्ष व्यक्ति का चयन होना चाहिए। लेकिन मौजूदा चुनाव संयोजक वर्तमान में अंजुमन इस्लामिया अस्पताल रांची के सीएमओ मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर प्रतिनियुक्त है ऐसे में उनकी चयन प्रक्रिया ही संदेह पद और अवैध प्रतीत होता है।
नियमतः मजली ए आमला द्वारा चयनित चुनाव संयोजक को इसकी लिखित जानकारी वक्फ बोर्ड को दी जानी चाहिए थी लेकिन उन्होंने अब तक ऐसा नहीं किया गया है अगर इस संबंध में इनके पास कोई साक्ष्य लिखित ब्यौरा है तो वह स्पष्ट किया जाए। इनमे से किसी सवालो का जवाब चुनाव कन्वेनर के द्वारा या सचिव अन्जुमन इस्लामिया के द्वारा नही दिया गया ऐसे में पूरे रांची के आवाम को यह लगता है कि अपने आप को फिर से अन्जुमन इस्लामिया के पद पर सुनियोजित रूप से कब्जा करने की मंशा वर्तमान कमिटी रखती है, इसलिए हम सभी रांची के मुसलमानों के तरफ से अन्जुमन को बचाने के लिए स्वच्छ रूप से चुनाव करवाने के पक्ष में है,