हेमंत सोरेन ने कहा , व्यक्तिगत रूप से मेरी क्षति हुई है
सीनियर रिपोर्टर परवेज कुरैशी की रिपोर्ट…
फोटो आदिल रशीद
रांची। रविवार को राजकीय सम्मान के साथ झारखण्ड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मरहूम हाजी हुसैन अंसारी को उनके पैतृक गांव पिपरा स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया। हाजी हुसैन को 23 सितंबर 2020 को इरबा के मेदांता में ईलाज के लिए भर्ती कराया गया था, जहां तीन अक्टूबर 2020 को अंतिम सांस ली।
इस असमयिक निधन पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा मधुपुर अनुमंडल अन्तर्गत मारगोमुण्डा प्रखण्ड के पिपरा गाँव पहुँचकर उनके रिहाईस पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और अंतिम विदाई में शामिल हुए। साथ हीं शोकाकुल परिवार से मिलकर परिजनों को ढाढ़स बंधाया।मुख्यमंत्री ने कहा कि हाजी साहब का निधन पूरे झारखण्ड राज्य के साथ-साथ व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए भी बड़ी क्षति हुुई है । हाजी साहब का हमारे बीच से यूँ चले जाना, हम सभी के लिए मर्माहत करने वाला है।
हाजी साहब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन अपने व्यक्तित्व, अपनी कार्यशैली और अपने विचार के माध्यम से वे सदैव जीवित रहेंगे। वहीं मौके पर उपस्थित विधान सभा अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतों, संसदीय कार्य ग्रामीण विकास विभाग (ग्रामीण कार्य, पंचायती राज व एनआरईपी विशेष प्रमंडल) आलमगीर आलम, स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग बन्ना गुप्ता, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग बादल पत्रलेख, गांडेय विधायक सरफराज आलम सहित कई सामाजिक संगठन एवं मधुपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता उनके जनाजे में शामिल हुए और और हाजी हुसैन अंसारी को श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। इस दौरान मौके पर दुमका डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल, उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी कमलेश्वर प्रसाद सिंह, पुलिस अधीक्षक अश्विनी कुमार सिन्हा, अनुमंडल पदाधिकारी, मधुपुर योगेन्द्र प्रसाद, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार, प्रभारी पदाधिकारी गोपनीय शाखा विशालदीप खलखो, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, देवघर व मधुपुर, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी के साथ-साथ संबंधित विभाग के अधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
हाजी हुसैन अंसारी का संक्षिप्त परिचयः हाजी हुसैन अंसारी का जन्म पिता हाजी पैगाम अंसारी , मां सलमा बीवी के यहां 2 सितंबर 1948 मधुपुर के पिपरा गांव में हुआ था। वह शुरुआती दौर से काफी गरीब परिवार से रहे। मरहूम हाजी हुसैन अंसारी युवा अवस्था से ही गुरुजी शिबू सोरेन के साथ संथाल महाजनी प्रथा के खिलाफ लड़ाई में शामिल हो गए थे। दोनों की दोस्ती बहुत गहरी थी बल्कि परिवार का एक हिस्सा था। हाजी हुसैन अंसारी पर गुरु जी का पूर्ण विश्वास था, इसलिए जब भी जेएमएम सरकार में आई हाजी हुसैन अंसारी मंत्री बनाए गए। वे चार बार मंत्री रह चुके।
हाजी हुसैन अंसारी की 8 बहन और तीन भाई थे ।
सबसे बड़े स्वयं हाजी हुसैन अंसारी, दूसरे नंबर पर शोएब अंसारी, तीसरे नंबर पर सलाउद्दीन अंसारी ।
वही हाजी हसन अंसारी के चार बेटे और चार बेटियां हैं ।
बड़ा बेटा हाफिज अल हसन अंसारी, शब्बीर अहमद अंसारी , तनवीर हसन अंसारी, इकराम उल हसन अंसारी। हाजी हुसैन अंसारी झारखंड के मधुपुर विधानसभा क्षेत्र के पिपरा गांव के रहने वाले थे और उनका सरकारी आवास डोरंडा थाना अंतर्गत फॉरेस्ट कॉलोनी में था । लेकिन जब हाजी हुसैन अंसारी 2019 में विधायक और 2020 में मंत्री बने तो वह अपने अंतिम समय तक अपने निजी आवास पुनदाग में ही सह परिवार रह रहे थे ।
क्योंकि फॉरेस्ट कॉलोनी वाले सरकारी आवास है में भाजपा विधायक नवीन जायसवाल 2014 से रह रहे है। हालांकि झारखंड हाईकोर्ट ने सितंबर के अंतिम सप्ताह में नवीन जयसवाल और पूर्व मंत्री रंधीर सिंह को आवास खाली करने का नोटिस दिया था , लेकिन उन्होंने आवास खाली नहीं किया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हेलीकाप्टर से पिपरा गांव पहुंचे और जनाजा में मुख्यमंत्री ,अधिकारीगण सहित हजारों लोग शामिल हुए।
हाजी हुसैन का राजनीति करियरः
हाजी हुसैन अंसारी गुरुजी शिबू सोरेन के साथ झारखंड आंदोलन साथ साथ रहे। 80 के दशक में कांग्रेस पार्टी में आएं और 1990 में चुनाव लड़ा जहां हो पहली बार हार गए लेकिन हिम्मत नहीं हारी ।
चार बार मंत्री रहे हाजी हुसैन अंसारी 2019 में चौथी बार मधुपुर से चुनाव जीते।
पहली बार 1990 में चुनाव लड़े हारे, 1995 में जीते, 2000 जीते, 2005 में हार गये। 2009 जीते, 2014 में नरेंद्र मोदी की लहर में वे हार गए । इसके बाद झारखंड हाउस अनियमितता की बात कहते हुए उसे ध्वस्त कर नए सिरे से भाजपा की सरकार ने बनाई तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 50 करोड़ों के अधिक लागत से भव्य हज हाउस का निर्माण कराया, संथाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दो बार चुनावी प्रचार किये लेकिन 2019 में मधुपुर की जनता ने भाजपा उम्मीदवार राजपलियार को दरकिनार करते हुए जात-पात से ऊपर उठकर हाजी हुसैन अंसारी को चूना और चौथी बार हाजी हुसैन अंसारी विधायक बने ।
हाजी साहब पहली बार 1995 भाजपा के विशाखा सिंह को चुनाव हरा कर विधायक बने थे।
पहलीबार बने मंत्री ः 2009 में शिबू सोरेन की सरकार में छह महीने के तक आरइओ मंत्री रहे। तमाड़ उप चुनाव गुरूजी हार गये सरकार गिर गई।
झामुमो और बीजेपी की गठबंधन की सरकार अर्जुन मुंडा सीएम और हाजी हुसैन अंसारी सहकारिता व अल्पसंख्यक मंत्री बने लगभग 18 महीने बाद मुंडा की सरकार गिर गई।
हेमंत सोरेन पहली बार मुख्यमंत्री बने तो तीसरी बार अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहे।
2004 में झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे।
इसके बाद 2019में विधायक बने और नौ महीने तक अल्पसंख्यक कल्याण सह निबंधन मंत्री रहे।
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आखिरी ख्वाहिशः मदरसा बोर्ड का गठन, अल्पसंख्यक आयोग ,वक्फ बोर्ड को बेहतर बनाना। मदरसों में भी उर्दू के साथ साथ कंप्यूटर सहित हिंदी, साइंस की पढ़ाई। मुस्लिम मासरे में शिक्षा का अलख जगाना ,आईएएस, आईपीएस ,इंजीनियर ,डॉक्टर बनते देखना।
तारा शाहदेव प्रकरण,हज हाउस को लेकर चर्चा में आये थे, जिसे राजनीति का हिस्सा बताया गया था।
इन लोगों ने दुख जतायाः
पूर्व मुख्यमंत्री हुआ राज्यसभा सांसद शिबु सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू, सुप्रियो भट्टाचार्य, विनोद पांडे, मनोज पांडे, अंजुमन इस्लामिया , झारखंड प्रदेश जमीअतुल कुरैश के अध्यक्ष मुजीब कुरैशी, मीडिया प्रभारी गुलाम जावेद, प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक कमेटी के प्रवक्ता वारिस कुरैशी , झारखंड पुलिस एसोसिएशन के संयुक्त सचिव महताब आलम, जेवीएम के पूर्व अल्पसंख्यक रांची महानगर के अध्यक्ष अकबर कुरेशी, सट्रल मोहर्रम कमेटी के महासचिव आकील उर रहमान, हाजी सर्वर, हाजी माशूक़, हाजी हलीम, अज़हर अब्ददुल्ला, शाह उमेर, आदिल, मौलाना तहजीबुल हसन, मौलाना ओबेदुल्लह, ऐजाज गद्दी, मो असल्म्, आदिल,
तुझसा कहां से लाओ की तुझसा कहूं
झारखंड राज्य हज समिति के सदस्य सह मस्जिद जाफरिया रांची के इमाम व खतीब मौलाना सैयद तहजिबुल हसन रिज़वी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि हाजी हुसैन अंसारी अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री के निधन की खबर ने झारखंड वासियों के दिलों को हिला कर रख दिया। तुझ सा कहां से लाऊं कि तुझ सा कहूं। ऐसा मंत्री जो हर के दुख दर्द को बांटने के लिए उसके घर पहुंच जाता था। हाजी हुसैन अंसारी हमेशा हमेशा अपने करतब के लिए याद किए जाते रहेंगे। हाजी हुसैन अंसारी के निधन से झारखंड को बहुत बड़ी क्षति हुई है। इसकी भरपाई मुमकिन नहीं है। हाजी हुसैन अंसारी के निधन पर हम उनके परिवार को संवेदना पर वक्त करते हैं। और खासकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शिबू सोरेन को भी संवेदना प्रकट करते हैं कि वह एक पार्टी के नेता के रूप में उन्होंने झारखंड में जेएमएम को मजबूत करने का काम किया था।
इस दुख भरी घड़ी का साथी हूं और दुआ करता हूं की अल्लाह उनकी मगफिरत करें। आमीन। हाजी मौलाना सैयद तहजीब उल हसन