प्रामर्श प्रतिनिधि सम्मेलन में पारित प्रस्ताव स्वीकार: एदार ए शरीया झारखंड

रांची :- एदार ए शरीया झारखंड रांची के उलेमा की एक महत्व पुर्ण बैठक प्रदेश कार्यालय में एदार ए शरीया झारखंड के नाजिमे आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी की अध्यक्षता में हुवी जिस में देश के विभिन्न क्षेत्रों में पैगंबरे इसलाम की शान में हो रही गुस्ताखी पर गेहरा चिंता व्यक्त किया गया, मौलाना रिजवी ने कहा कि झारखंड, बिहार, बंगाल व उडीसा एवं देश के मुस्लिम समुदाय के ज्वलंत मुद्दों पर आधारित केंद्रीय एदार ए शरीया पटना में राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद मौलाना गुलाम रसुल बलयावी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय प्रामर्श प्रतिनिधि सम्मेलन में पारित हुवे प्रस्ताव पर आज की बैठक में चर्चा करने के बाद करारदाद को स्वीकार कर लिया गया है। जिस के अनुसार अगले छे महीनों के अंदर झारखंड राज्य के प्रतेक जिला में “एदार ए शरीया जागरुकता कांफ्रेंस “का आयोजन किया जाएगा जिस की तैयारी शुरू कर दिगइ है। पारित प्रस्ताव के अनुसार
(1) भारत व अन्य देशों में विभिन्न तरीके से इस्लाम और पैगंबर ए इस्लाम पर हमले हो रहे हैं और नबी की शान मे गुस्ताखिंया की जा रही हैं आज का ये सम्मेलन उन तमाम हमले और गुस्ताखी की कड़ी शब्दों में निंदा करता है और हम उन तमाम हमलों का जवाब लोकतांत्रिक प्रक्रिया और न्याय प्रक्रिया से देते रहेंगे!
(2) उत्तरप्रदेश आसाम और मध्यप्रदेश कि हुकूमतों ने मुस्लिम अल्पसंख्यकों को टारगेट की नियत से अनावश्यक तरीकों से मदरसों का किए जा रहे सर्वे को खारिज किया जाता है।
(3) देश में आपसी समरसता एवं अमन शांति स्थापित रखने, नफरत को मिटाने, राष्ट्र को शशकत करने, मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बुनियादी समस्या का निराकरण, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, आरक्षण, सामाजिक बुराइयों की समाप्ति एवं अन्य ज्वलंत मुद्दों को मद्देनजर अगले 6 माह के अंदर बिहार बंगाल झारखंड उडीसा के तमाम कमिशनरयों व जिलों में एदारा ए शरिया जागरूकता अभियान स्ममेलन प्रथम चरण एवं द्वितीय व अन्य चरणों में इन तीनों राज्यों के प्रखंडों में बेदारी अभियान का सम्मेलन होगा ।
(4) केंद्रीय इदारा ए शरिया पटना एवं इसकी शाखाएं झारखंड, बंगाल, आसाम, त्रिपुरा, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटका, उत्तराखंड, गुजरात, राजस्थान कुल 17 राज्यों में कार्यरत है जो देश और समाज के लिए कार्य कर रहे हैं उनके कार्यों पर संतुष्ट व्यक्त किया गया।
(5) बिहार, झारखंड और बंगाल के सरकारी, प्राइमरी से लेकर +2 स्कूलों में उर्दू भाषा को खत्म करने की साजिश हो रही है, ऐसी परिस्थितियों में +2 स्कूलों में उर्दू विषय को शामिल करने एवं प्राइमरी और हाई स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए हमें संघर्ष करना पड़ेगा।और झारखंड जिन संस्थाओं द्वारा उर्दू भाषा के हित में संघर्ष किए जा रहे हैं उनका समर्थन किया जाता है।
(6) एदार ए शरीया देश का एक मजबुत नुमाइंदा एदारा है, जो देश व समाज के कल्याण हेतु 54 वर्षों से अधिक समय से सराहनीय कार्य कर रहा है। विशेषकर बिहार व झारखंड राज्य के 80 फीसद सुन्नी मुस्लिम समुदाय के लोग एदारा के फ्लोवर्स हैं, इसलिए बिहार के एलावा देश की सभी राज्यों के मुख्य मंत्री और केंद्र सरकार के गृह व अल्पसंख्यक मंत्रालय से राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना गुलाम रसुल बलयावी के नेतृत्व में मिलकर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के ज्वलंत समस्या जैसे तालीम, रोजगार, स्वास्थ्य, उद्योग, सुरक्षा, आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक एवं कल्याणकारी मुद्दों पर आधारित मेमोरेंडम पेश कर समस्याओं के निराकरण हेतु लगातार प्रयास जारी रहेगा।
(7) बिहार, झारखंड, बंगाल उड़ीसा का ये ‘‘प्रामर्श प्रतिनिधि सम्मेलन‘‘ मुस्लिम अल्पसंख्यकों की ओर से किसी भी समस्या का निराकरण एवं मार्गदर्शन हेतु एक मजबूत नेतृत्व की जरूरत को महसूस करते हुए निर्णय लिया गया कि मुस्लिम समुदाय का नेतृत्व और कयादत केंद्रीय एदार ए शरीया के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद-सह-पूर्व एमएलसी मौलाना गुलाम रसूल बलियावी करेंगे और इन्हीं के नेतृत्व एंव मार्ग दर्शन में मुस्लिम समुदाय निरंतर आगे बढता जाएगा।
सरकारों को सचेत किया जाता है और आग्रह भी कि हमारे ज्वलंत मुद्दों का शीघ्र ही समाधान किया जाए. एदार ए शरीया झारखंड की बैठक में मौलाना सैयद शाह अलकमा शिबली,मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, मौलाना डॉक्टर ताजुद्दीन रिजवी ,कारी अय्युब, मुफ्ती एजाज हुसैन मिस्बाही, मुफ्ती फैजुल्लाह मिस्बाही, मौलाना मसूद फरीदी, अकिलुर रहमान, मौलाना सैयद नौशाद आलम बरकाती, कारी हाशिम कमाल फैजी, मौलाना फारुक मिस्बाही,मौलाना आफताब जिया, मौलाना मुजीबुर रहमान, प्रो इरशाद आलम खान, मौलाना दिलदार मिस्बाही, मौलाना नसीम अख्तर, हाजी सईद कौसर, जावेद आलम, शोएब अंसारी, ताबिश अहमद, रिजवान अहमद आदी शामील थे।