मौलाना आजाद इंस्टिट्यूट फॉर जुडिशल सर्विस का उद्घाटन
रांची ( रिपोर्ट आदिल राशिद) हमें अपने हुक़ूक़ को जानना होगा। हमारा संविधान क्या कहता है, दूसरों को इंसाफ दिलाने का जज्बा रखना होगा। सोशल जस्टिस बनना होगा। उक्त बातें जस्टिस एमवाई इकबाल ने कहीं। वाह शनिवार को अंजुमन इस्लामिया के द्वारा मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट फॉर जुड़ीसीएल(judicial) सर्विस के उद्घाटन के मौके पर बतौर मुख्यातिथि कहे। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य के मुकाबले में झारखंड राज्य में जुडिशल के क्षेत्र में मुस्लिम नहीं है। और यह किसी की गलती नहीं बल्कि हमारी गलती है। हम इस पर मेहनत नहीं करते। सिर्फ पैसा कमाना ड्यूटी नहीं है। बल्कि लोगों को इंसाफ दिलाना भी आपकी ड्यूटी होनी चाहिए। नौजवान आगे की तैयारी करें और सोसायटी को इंसाफ दिलाएं एमवाई इकबाल ने आगे कहा कि यह अकैडमी सिर्फ मुसलमानों के लिए नहीं है सबके लिए है लेकिन हम मुस्लिम छात्र-छात्राओं को प्रेफरेंस देंगे। लेकिन नन मुस्लिम के लिए हमारा दरवाजा खुला रहेगा। प्रोग्राम की शुरुआत झारखंड की राजधानी रांची के मशहूर कारी हजरत मौलाना मुफ्ती सलमान कासमी के तिलावत कुरान पाक से हुई। मेहमानों का सवागत अंजुमन इस्लामिया के चेयरमैन हाजी इसरार अहमद, महासचिव हाजी मुख्तार, सदस्य शाहिद अख्तर टुकलु, शहजाद बब्लू, मोहम्मद खलील, मास्टर शाहिद, नदीम अख्तर ने गुलदस्ता और शॉल ओढ़ाकर आए हुए सभी मेहमानों का स्वागत किया। वहीं जस्टिस जीडीआर पटनायक ने अपने संबोधन में कहा कि आजकल कंपटीशन ज्यादा हो गया है क्वालिटी एजुकेशन की जरूरत है जुडिशली को मजबूत करना जरूरी है। मौलाना अबुल कलाम आजाद ने जो लो जलाया है उसे अंजुमन इस्लामिया आगे बढ़ा रहा रही है। वही कर्नल खालिद खान ने अंजुमन इस्लामिया के कार्य की तारीफ करते हुए कहा कि अगर अंजुमन को मेरी जरूरत पड़ती है तो हम हमेशा वक्त देने को तैयार है।उन्होंने कहा कि आर्मी में अपनी जुडिशल सर्विस है। आर्मी में कोई रिजर्वेशन नहीं है । जो काबिल होगा वह बगैर किसी सिफारिश के आ सकता है। आर्मी में अभी भी पेंशन की सुविधा है। वहीं डॉक्टर मजीद आलम ने कहा कि हम लोगों को गर्व है एमवाई इकबाल पर। वहीं मुमताज अहमद ने कहा कि शिक्षा के सभी क्षेत्र में कंपटीशन करें। जुडिशल में सभी लोग पीछे हैं इस पर अंजुमन इस्लामिया काम शुरू की है जो काबिले तारीफ है। वहीं अंजुमन इस्लामिया के चेयरमैन हाजी इबरार अहमद और महासचिव हाजी मुख्तार अहमद ने भी प्रोग्राम को संबोधित किया। मौके पर झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन कमाल खान, नुसरत जहां,नदीम खान,तनवीर अहमद, सैफ उल हक, मास्टर मो सलाहउद्दीन आदि थे