रांची गोली कांड मामले पर मुस्लिम समुदाय के उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से मिल किया वार्ता।

रांची गोली कांड की न्यायिक और निष्पक्ष जांच, गोली चलाने और आदेश देने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मियों की बर्खास्तगी और कानूनी कार्रवाई, मारे गये दोनों युवकों के परिवार को उचित मुवाआज सरकारी नौकरी की मांग को लेकर विभिन्न धार्मिक व समाजिक संगठनों के उच्च स्तरीय कमिटी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिला और मांग पत्र सौंपा।
मुख्यमंत्री ने सभी मांगो को गम्भीरता पूर्वक सुनने के पश्चात कहा कि जो घटना घटी वो निंदनीय है पुरे घटनाक्रम पर मेरी नज़र है,
आचार संहिता के कारण बहुत सारे निर्णय नही ले पा रहा हूँ आचार संहिता नही होती तो सिस्टम के खिलाफ़ जाकर गोली चलाने वाले पर कड़ी कार्रवाई हो जाती, आचार संहिता हटते ही कारवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने मौके पर आला अधिकारी को फोन कर गम्भीर रूप से घायल नदीम के समुचित इलाज़ हेतु मेदांता या मेडिका स्थांतरण करने का निर्देश देते हुए बाकी घायलों की बेहतर इलाज़ का निर्देश दिया।
उनहोंने 10 हजार अज्ञात लोगों पर पुलिस की प्रथामिकी पर चिंता जताते हुए सभी मांगो पर न्यायउचित कार्रवाई का भरोसा दिया।
प्रतिनिमंडल ने मुख्यमंत्री को कहा कि
10 जून की घटना से सरकार की छवि धूमिल हुई है जिसे सरकार को आगे बढ़कर साफ करना होगा।
ताकि राज्य के अल्पसंख्यकों को सरकार के प्रति विश्वास कायम रहे।प्रतिनिधि मंडल ने माननीय मुख्य मंत्री को एक सीडी भी दिया है,
इस मौके पर एदार ए शरीया झारखंड के नाजिमे आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, इमारत ए शरिया के मुफ्ती अनवर कासमी, मौलाना औबेदुल्लाह कासमी, एदारे ए शरिया के काजीए शरीयत मुफ्ती फैजुल्लाह मिसबाही,
जमीयत ए उलमा हिंद के स्टेट ट्रेजर शाह उमैर, मुफ्ती शहाबुद्दीन, हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता मोखतार खान,
आमया संगठन के अध्यक्ष एस अली,
डां असलम परवेज, हाजी फिरोज, अबरार अहमद, मतीउर रहमान आदि शामिल थे।